गढ़वा : एक बार फिर "टीम दिल का दौलत" ने यह साबित कर दिया कि ज़रूरतमंदों के लिए यह टीम सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भरोसे का प्रतीक है। आज मंगलवार को मेराल प्रखंड से इलाज के लिए आई एक गरीब महिला गढ़वा ब्लड बैंक के बाहर बेसहारा खड़ी थी। महिला को B+ रक्त की सख्त आवश्यकता थी, लेकिन परिवार में कोई ऐसा नहीं था जो मदद कर सके।
ऐसे संकट की घड़ी में गढ़वा के प्रतिष्ठित समाजसेवी दयाशंकर गुप्ता ने टीम दिल का दौलत के व्हाट्सएप ग्रुप में इस ज़रूरत की सूचना साझा की। सूचना मिलते ही टीम के सक्रिय सदस्य पवन सोनी ने गंभीरता को समझते हुए तत्काल पहल की और साथी नागेंद्र सोनी से संपर्क किया। नागेंद्र सोनी, जो उस समय अपनी दुकान चला रहे थे, ने बिना देर किए दुकान बंद की और सीधे ब्लड बैंक पहुँचकर महिला के लिए B+ रक्तदान किया।
नागेंद्र सोनी का यह निःस्वार्थ सेवा भाव प्रेरणादायक है। उन्होंने दिखा दिया कि जब बात मानवता की हो, तब दिल की आवाज़ सुननी चाहिए, न कि फायदे-नुकसान की। उनके रक्तदान से महिला का इलाज समय पर शुरू हो सका और उसकी जान बचाई जा सकी।
टीम संयोजक युवा समाजसेवी दौलत सोनी ने कहा, "हमारा मूल मंत्र है – 'जिसका कोई नहीं, उसका टीम दौलत।' आज छोटे भाई नागेंद्र ने इस विचार को साकार कर दिखाया। सेवा ही हमारी असली पहचान है।"
इस पुण्य कार्य के लिए पूरी टीम ने रक्तवीर नागेंद्र सोनी को हृदय से धन्यवाद दिया। यह घटना न केवल गढ़वा में मानवता की एक और मिसाल बनी, बल्कि समाज को यह संदेश भी दे गई कि सच्ची सेवा के लिए किसी बड़े संसाधन की नहीं, बल्कि एक संवेदनशील दिल की जरूरत होती है।