गढ़वा :
आपातकाल लोकतंत्र पर हमला था, कांग्रेस की तानाशाही प्रवृत्ति उजागर हुई : श्याम नारायण दुबे
जेल गए आंदोलनकारियों को किया गया सम्मानित, वृक्षारोपण भी हुआ
भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय में बुधवार को आपातकाल काला दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं वंदे मातरम् गीत के साथ हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद महतो ने की।
इस अवसर पर आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल गए क्रांतिकारी नेताओं को सम्मानित किया गया।
आपातकाल ने देश की आवाज को कुचला था
भाजपा जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद महतो ने कहा कि कांग्रेस ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू कर लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला दिन था, जिसे हम हर साल काला दिवस के रूप में याद करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा सजग रहेंगे।
तानाशाही के खिलाफ युवाओं ने दी थी कुर्बानी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता श्याम नारायण दुबे ने कहा कि आपातकाल कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक था।
भाजपा नेताओं ने दी संबोधन
कार्यक्रम को भाजपा नेता शारदा महेश प्रताप देव, ओमप्रकाश तिवारी, बिनय चौबे सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया। सभी ने एक सुर में कहा कि 1975 की कांग्रेस सरकार ने जिस तरह से देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कुचला, वह कभी भुलाया नहीं जा सकता।
कार्यक्रम का संचालन और उपस्थिति
कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री ओमप्रकाश गुप्ता ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन पवन कुमार ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर भाजपा नेता ब्रजेश उपाध्याय, कैलाश कश्यप, मीना गुप्ता, डॉ. पतंजलि केशरी, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष उदय कुशवाहा, परीक्षित तिवारी, उमेश कश्यप, धनंजय गौड़, मुकेश चौबे, ओमप्रकाश दास, रामशरीख चंद्रा सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस दिन को लोकतंत्र की पुनर्स्थापना का प्रतीक बताते हुए लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव सजग रहने का संकल्प लिया।