गढ़वा : राजद में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। गढ़वा में राजद कार्यकर्ताओं ने प्रेसवार्ता कर नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष सूरज सिंह पर फर्जी तरीके से पद हथियाने का गंभीर आरोप लगाया। नेताओं ने कहा कि पार्टी की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दरकिनार कर संगठन को व्यक्तिगत हितों से संचालित किया जा रहा है।
राजद युवा नेता प्रताप यादव ने कहा कि पार्टी के संस्थापक लालू प्रसाद यादव ने राजद को संघर्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों पर खड़ा किया था, लेकिन स्थानीय इकाई इन सिद्धांतों से भटक गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रखंड अध्यक्षों का चयन कहीं भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया से नहीं हुआ, बल्कि घर बैठे ही मनमानी नियुक्तियां की गईं।
प्रताप यादव ने कल संपन्न हुए जिलाध्यक्ष चुनाव को भी सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह चुनाव पूरी तरह फिक्स था। चुनाव प्रभारी की मिलीभगत से कार्यकर्ताओं की राय लिए बिना ही सूरज सिंह को जिलाध्यक्ष बना दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जो कार्यकर्ता आवाज उठाते हैं, उन्हें किनारे कर दिया जाता है।
प्रताप ने यह भी कहा कि 2024 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान जिलाध्यक्ष ने राजद के बजाय सपा का प्रचार किया था, जो संगठनात्मक ग़लती है। उन्होंने सूरज सिंह पर आरोप लगाया कि वे अपने निजी आवास से ही राजद कार्यालय चला रहे हैं, जो पार्टी के नियमों के खिलाफ है।
प्रेसवार्ता में मौजूद राजद के पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष रमजान हाशमी ने भी पूरी प्रक्रिया को अनुचित और एकतरफा करार दिया। उन्होंने कहा कि गुटबाजी से संगठन नहीं चलेगा और कार्यकर्ताओं की अनदेखी पार्टी को भारी पड़ेगी।
इन बयानों से स्पष्ट है कि गढ़वा राजद में असंतोष गहराता जा रहा है। कार्यकर्ता अब नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं और पारदर्शी प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं। अब देखना यह है कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं या इसे केवल अंदरूनी मामला बताकर टाल देते हैं।