गढ़वा : मदर्स डे पर माताओं को सौंपी गई शराब मुक्ति अभियान की कमान
200 से अधिक ग्रामीणों ने लिया शराब छोड़ने का संकल्प, गांव को लिया गया गोद
अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) संजय कुमार के नेतृत्व में रविवार को दुलदुलवा पंचायत भवन में एक जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य गांव को शराब मुक्त बनाना था। इस संवाद में लगभग 200 ग्रामीणों ने भाग लिया और अवैध शराब कारोबार को बंद करने पर गंभीरता से मंथन किया।
कार्यक्रम में एसडीएम के साथ एसडीपीओ नीरज कुमार, मेराल अंचल अधिकारी यशवंत नायक, जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला, मुखिया राम प्रताप शाह समेत कई विभागीय पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
गांव को लिया गोद, विकास की दी गारंटी
एसडीएम संजय कुमार ने घोषणा की कि यदि गांववाले अवैध शराब का कारोबार पूरी तरह बंद कर देते हैं, तो वे इस गांव को गोद लेंगे और इसके सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देकर प्रत्येक परिवार को वैकल्पिक आजीविका से जोड़ा जाएगा।
महिलाओं को दी मदर्स डे पर जिम्मेदारी
मदर्स डे के अवसर पर एसडीएम ने गांव की माताओं से अपील की कि वे बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए नशा मुक्ति अभियान की कमान संभालें। उपस्थित महिलाओं ने हाथ उठाकर इस दिशा में सहयोग का संकल्प लिया।
बेल का जंगल है गांव की धरोहर
एसडीएम ने गांव के चारों ओर फैले बेल के जंगल को अनूठी धरोहर बताया और ग्रामीणों से इसके संरक्षण की अपील की। उन्होंने कहा कि शराब भट्टियों के लिए बेल पेड़ों को काटा जा रहा है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।
हाथियों के हमलों के पीछे शराब की गंध
बैठक में ग्रामीणों ने हाथियों के हमले की शिकायत की, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि महुआ शराब की गंध हाथियों को आकर्षित करती है। यदि शराब निर्माण बंद होता है, तो हाथियों का आना भी रुक सकता है।
कल्याणकारी योजनाओं की दी जानकारी
पदाधिकारियों ने पीएम विश्वकर्मा योजना, फूलो झानो योजना, पशुधन योजना, आयुष्मान भारत, पीएम किसान सम्मान योजना सहित कई सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।
580 महिला समूह निभाएंगे नेतृत्व
डीपीएम विमलेश शुक्ला ने बताया कि गांव में कार्यरत 580 महिला स्वयं सहायता समूह अब शराब मुक्ति और पुनर्वास अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
कार्यक्रम में वन सुरक्षा समिति अध्यक्ष संतोष यादव, पत्रकार जितेंद्र सिंह, ग्रामीण प्रतिनिधि शबनम आरा, सुनैना देवी, ललिता देवी, अशोक साव, चुन्नू साहब समेत कई लोगों ने विचार रखे और संकल्प लिया कि वे मिलकर गांव को शराब मुक्त बनाएंगे।
यह कार्यक्रम प्रशासनिक पहल और जनसहयोग से सामाजिक बदलाव की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।