गढ़वा : जिला से लेकर राज्यस्तरीय सरकारी प्रतियोगिताओं में जीता क्रमश: फर्स्ट व थर्ड प्राइज
उसकी कला को सही मुकाम देने के लिए किसी व्यक्ति या संस्था से सहयोग की जरूरत
बेहद गरीब व बीमार माता पिता की बिटिया अंजलि को भगवान ने जन्म के समय ही अंजलि भरकर उसे कला उपहार में भेंट किया है। इसी कारण अपनी नैसर्गिक प्रतिभा को बचपन से ही जमीन से लेकर दीवारों एवं कागजों पर आकार देने में यह बेटी जुटी हुई है।
अंजलि द्वारा बनाई गई सावित्री बाई फुले की तस्वीर
इसकी यह जन्मजात प्रतिभा अब गांव एवं उसके स्कूल से बाहर निकल कर जिला एवं राज्य स्तर तक पहुंच चुकी है।
अंजली द्वारा बनाए गए अन्य चित्र
प्रखंड मुख्यालय कांडी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में 11वीं की छात्रा अंजली कुमारी ने चित्रकारी में झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा 30. 10. 24 को आयोजित जिला स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता में चित्रकारी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। जबकि इसी परिषद के प्रदेश स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता रांची में 3 व 4 दिसंबर 2024 को उसने चित्रकारी का तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया है।
आज भी अंजलि संसाधनहीन स्थिति में अपनी कला को निखार देने की साधना में अनवरत जुटी है।
विद्यालय की वार्डन आर उषा ने बताया कि इस बालिका को मोबाइल या अन्य फोटो दिखाने पर उसे हू-ब-हू कागज पर उतार देती है।
अंजलि बचपन में ही जमीन, स्लेट व दीवारों पर लकड़ी के टुकड़े, कोयला, खल्ली आदि से चित्र बनाया करती थी। इसके बाद कॉपी पर चित्र बनाना शुरू किया। जिसके लिए उसे डांट भी खानी पड़ती थी। क्योंकि गरीब अभिभावक किसी प्रकार पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था कर पाते हैं। कॉपी पर लगातार चित्र बनाकर उसे खत्म कर दिया जाए तो फिर बार-बार कॉपी खरीदनी पड़ेगी। वह तो चित्रकारी के साथ-साथ पढ़ने में भी अंजलि एक मेधावी छात्रा है।
असहाय परिवार की बिटिया :-
अंजलि बहुत ही असहाय एवं गरीब परिवार की बेटी है। अंजलि के पिता सुनील राम 12 साल पहले तक मजदूरी किया करते थे। उसके बाद से उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। फलत: वे मजदूरी भी नहीं कर पाते। जबकि अंजलि की मां हृदय रोग से ग्रस्त हैं। इसी हालत में वे सिलाई करके अपना, पति एवं बेटी की परवरिश करती हैं। अंजलि का छोटा भाई अपने नाना के घर रहकर पढ़ाई करता है। अभी वह आठवीं कक्षा का छात्र है। इस प्रकार इस परिवार को सहयोग की विशेष दरकार है।