गढ़वा : गढ़वा थाना क्षेत्र के करमडीह गांव स्थित फोरलेन बाईपास पर तेज गति पिकअप की चपेट में आने से स्कूल के ऑटो पर सवार दो बच्चों की मौत हो गई।
मृतकों में करमडीह गांव निवासी दिनेश भुइया का पुत्र सत्यम कुमार (5 वर्ष) व हरिप्रसाद राम का पुत्र देवानंद कुमार (6 वर्ष) के नाम शामिल है। जबकि इस घटना में ऑटो चालक सहित 15 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में जाटा गांव के संजीव साहू का पुत्र रंजन कुमार (8 वर्ष), कालीचरण मेहता का पुत्र दीपांकर मेहता (9 वर्ष), रामाश्रय राम का पुत्र दिव्या भारती (8 वर्ष), अंकुश भारती (6 वर्ष) व टैंपू चालक महावीर राम का पुत्र उदय राम आदि के नाम शामिल है। चालक सहित दो लोगों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है।
जबकि अन्य घायल बच्चों का इलाज गढ़वा सदर अस्पताल में किया जा रहा है।
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने धक्का मारने वाले पिकअप वाहन में आग लगा दी। ग्रामीणों को समझाने पहुंचे एसपी के वाहन को उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान उपद्रवियों ने वहां खड़े चार अन्य अधिकारियों के वाहन को भी पत्थरों से मारकर तोड़ दिया। उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को हल्की लाठी चार्ज करनी पड़ी। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी भी की। उपद्रवियों को तीतर- बीतर करने के लिए जवाब में पुलिस ने तीन राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने छह उपद्रवियों को खादेड़ कर पकड़ा है। साथ ही घटनास्थल से करीब 50 दोपहिया वाहन भी जब्त किए हैं।
ऑटो पर सवार सभी स्कूली बच्चे आरएन टैगोर स्कूल ने पढ़ते है। स्कूल से छुट्टी होने के बाद सभी ऑटो से वापस अपने घर लौट रहे थे। इस बीच करमडीह बाइपास फोरलेन क्रासिंग के पास तेज रफ्तार में आ रहे एक पिकअप ने टैंपू को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे घटना स्थल पर ही दो बच्चों की मौत हो गई। बाकी घायल छात्र को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां से दीपांकर मेहता व उदय राम की गंभीर अवस्था को देखते हुए चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया।
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की :
घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जिला प्रशासन व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इसी दौरान कुछ लोगों ने दुर्घटनाग्रस्त पिकअप को आग के हवाले कर दिया। पुलिस आग लगे हुए पिकअप को अग्निशमन के माध्यम से बुझाने का प्रयास कर रही थी। लेकिन आक्रोशित लोग आग बुझाने नहीं दिया। काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया गया। लेकिन आक्रोशित लोग पुलिस के वाहन को चिन्हित कर आधा दर्जन पुलिस वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना के बाद जब मामले की जानकारी लेने पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर पहुंचे तो आक्रोशित लोगों ने उनके वाहन पर भी हमला कर दिया। जिससे एसपी का वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद पुलिस अक्रोशित लोग को नियंत्रित करने के लिए लाठी चार्ज किया। जिसके बाद अक्रोषित लोग के द्वारा पथराव शुरू कर दिया गया। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
आखिरकार गलती किसकी? :
मंगलवार काे करमडीह फोरलेन बाईपास के पास एक हृदय विदारक हादसे में आरएन टैगोर स्कूल के दो बच्चों की मौत हो गई। ये बच्चे ऑटो में सवार थे, जब एक पिकअप ने उन्हें टक्कर मार दी। इस दुखद घटना के बाद यह सवाल उठता है कि आखिरकार गलती किसकी थी? ऑटो चालक की या पिकअप चालक की? इस मुद्दे पर लोग चर्चा कर रहे हैं और हर किसी की जुबान पर यही सवाल है।
घटना की विवेचना से स्पष्ट होता है कि पिकअप चालक तेज गति से गाड़ी चला रहा था, जबकि ऑटो चालक भी अपनी ओर से लापरवाही बरत रहा था। जिस सड़क पर यह दुर्घटना हुई, वहां एक बड़ा स्पीड ब्रेकर है। बावजूद इसके, ऑटो कैसे फोरलेन पर आ गई और तेज रफ्तार से आती पिकअप को क्यों नहीं देख पाई, यह सवाल विचारणीय है।
इसी प्रकार, पिकअप चालक की गति कितनी तेज थी कि वह ऑटो को नहीं देख सका, यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है। गलती चाहे जिसकी भी हो, परिणाम स्वरूप दो मासूम बच्चों ने अपनी जान गवा दी।
घटनास्थल पर ही मौत हो गई सत्यम की मौत :
इस घटना में मृत बच्चों में से एक, सत्यम कुमार (5 वर्ष), अपने घर से महज 200 फीट की दूरी पर था जब दुर्घटना हुई। सत्यम अपने घर से वापस आ रहा था कि तभी पिकअप ने ऑटो को टक्कर मार दी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ली जानकारी :
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय, एसडीओ विजय कुमार, डीडीसी पशुपति नाथ मिश्रा, सीडीपीओ नीरज कुमार, बीडीओ नरेंद्र नारायण आदि मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली।
सभी बच्चे करमडीह और जाटा गांव के निवासी थे। मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। एसपी दीपक पांडेय और डीडीसी पशुपति नाथ मिश्रा ने उन्हें सांत्वना दी।
सरकारी सहायता का मिला आश्वासन :
डीडीसी पशुपति नाथ मिश्रा ने घटनास्थल पर पहुंचकर कहा कि प्रशासन मृतक और घायल बच्चों के परिजनों के साथ है और प्रभावित परिवार की हर संभव सहायता करेगा। सरकारी प्रावधानों के तहत उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी।
पुलिस और पत्रकारों पर हमला :
दुर्घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जिससे एक दर्जन पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हो गए। सभी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
ग्रामीणों ने की अंडरपास या ब्रिज की मांग :
ग्रामीणों ने करमडीह फोरलेन बाईपास के पास अंडरपास या ओवरब्रिज बनाने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि इस जगह पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं और प्रशासन उनकी मांगों को नजरअंदाज करता रहा है। यह सड़क काफी व्यस्त रहती है और कई गांवों को जोड़ती है, जिसके कारण तेज गति से चलने वाले वाहनों की चपेट में आकर अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं।
पुलिस पर पथराव और स्थिति की नाजुकता :
दुर्घटना के बाद जाम कर रहे ग्रामीणों को समझाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। लेकिन कुछ उपद्रवी तत्वों ने पुलिस के वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया, जिससे स्थिति और अधिक नियंत्रित हो गई।
एसपी दीपक पांडेय ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए भीड़ को नियंत्रित किया और पथराव कर रही भीड़ को खदेड़ दिया। इस दौरान पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लिया। एसपी ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
मृत बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम :
पुलिस ने मृत बच्चों के शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है। गांव में घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। पेयजल और स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने मृतक बच्चों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का भरोसा दिलाया।