बड़गड़ : बड़गड़ प्रखंड में बड़े पैमाने पर चल रहे रासायनिक उर्वरक एवं हाईब्रिड बीज के दुकानों पर जिला कृषि पदाधिकारी शिवशंकर प्रसाद के छापेमारी को लेकर लोगों में हड़कंप मच गया। बड़गड़ बाजार में गैर कानूनी ढंग से संचालित कई रासायनिक खाद एवं बीज के बड़े पैमाने पर धंधा करनेवाले दुकानदार अपने दुकानों एवं गोदामों में ताला लगाकर भाग गए। जो दुकानें खुली पाई गईं, वहां जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जांच की गई तथा दुकान में रखे उर्वरक एवं बीज का सैंपल जांच के लिए लिया गया।
निरीक्षण के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी ने लाइसेंस तथा उर्वरक की बिक्री एवं स्टॉक की जानकारी ली। उन्होंने सबसे पहले बड़गड़ बाजार स्थित नीलम बीज भंडार एवं उर्वरक विक्रेता आनंद सोनी की दुकान का निरीक्षण किया, जहां जांच में सभी चीजें संतोषजनक पाई गईं।
नीलम बीज भंडार नामक रासायनिक खाद, दवा एवं बीज की दुकान स्थाई रूप से अलग न रहकर कपड़े की दुकान के साथ संचालित होती पाई गई। निरीक्षण के दौरान रासायनिक खाद विक्रेता राजू प्रसाद द्वारा संचालित दुकान व गोदाम बंद पाया गया। दुकानदार राजू प्रसाद से फोन पर संपर्क किए जाने पर उनके परिजनों ने एक गोदाम में रखे उर्वरक को कृषि पदाधिकारी को दिखलाया। तब उन्होंने गोदाम में उर्वरक का वीडियो बनाकर साथ ले गए।
वहीं, बाजार स्थित जयसवाल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की दुकान भी बंद पाई गई। दुकान के प्रोपराइटर रंजीत जयसवाल ने कहा कि वे सुबह से ही निजी कार्य से बाहर गए हुए थे। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान में एक हजार रुपये देकर किसानों का पंजीकरण होता है, इसके बाद किसान सस्ते दर पर यहां से खाद और बीज प्राप्त कर सकते हैं।
इसी तरह बाजार स्थित रमेश कुमार एवं रामू प्रसाद की दुकान का भी निरीक्षण किया गया। उक्त दुकान भी नियम के अनुरूप संचालित नहीं पाई गई। खाद, बीज की दुकान हार्डवेयर की दुकान के साथ संचालित हो रही थी। उक्त दोनों दुकानों में खाद, बीज विक्री से संबंधित बोर्ड नहीं पाया गया। वहीं बाजार स्थित बरकोल गांव निवासी संतोष प्रसाद की खाद बीज की दुकान भी बंद थी।
बगैर लाइसेंस दर्जनों परचुनिया बीज की दुकान होती हैं संचालित
प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार सहित कई गांवों में खाद एवं बीज के गैरकानूनी तरीके से दुकान संचालित होते हैं। परचुनिया दुकानदारों को पंजीकृत बड़े दुकानदारों द्वारा दर्जनों प्रकार के कंपनियों के धान, मक्का सहित अन्य फसलों के बीज उपलब्ध कराकर बिक्री कराई जाती है, जिसकी भनक कृषि विभाग को नहीं है।
छत्तीसगढ़ के बाजारों तक जाता है झारखंड के किसानों का खाद
बड़गड़ प्रखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खाद की कालाबाजारी की जाती है। यहां के लाइसेंसधारी दुकानदार बरसात गिरने के पूर्व प्रत्येक दिन दर्जनों चार एवं छः चक्का वाहनों से खाद की कालाबाजारी कर छत्तीसगढ़ के बाजारों तक पहुंचाते हैं, जिस कारण यहां के किसानों को खाद की किल्लत और महंगे दर की समस्या से जूझना पड़ता है। बड़गड़ प्रखंड क्षेत्र छत्तीसगढ़ से लगा हुआ इलाका है, जिसका फायदा यहां के खाद कारोबारी उठाते हैं। कालाबाजारी के लिए दुकानदार अलग तरह का तरीका अपनाते हैं। वे भूमिहीन लोगों से भी ई-पॉश मशीन पर बायोमेट्रिक अंगूठा लगवाकर खाद की ऑनलाइन बिक्री दिखला देते हैं तथा बाद में उस खाद को ऊंचे दर छत्तीसगढ़ के बाजारों में पहुंचाकर बेच देते हैं।