भवनाथपुर : भवनाथपुर प्रखंड के अनुबंधित भेंडरों की दुकान कागज पर संचालित होने का मामला प्रकाश में आया है। यहां भेंडरो द्वारा सिंचाई कूप निर्माण में बिना पत्थर व बालू लाभुको के बीच आपूर्ति किये बगैर ही मनरेगा कर्मी और भेंडर के मिलीभगत से योजना की सामग्री मद में उक्त दोनों सामग्री की फर्जी बिल वाउचर लगाकर राजस्व की क्षति पहुंचा रहे है। जबकि सिंचाई कूप निर्माण से पूर्व सामग्री क्रय के लिए लाभुको को मिलने वाली अग्रिम राशि 50 हजार रूपये भी लाभुको के सीधे खाते में न भुगतान कर मोटी कमीशन के लिए धड़ल्ले से भेंडरो के खाते में अग्रिम राशि हस्तांतरित किया जा चुका है।
बताते चलें कि बिरसा सिंचाई कूप निर्माण हेतु 2023-24 में भवनाथपुर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में कुल 221 सिंचाई कूप स्वीकृत हुआ है।
जिसमे 93 लाभुकों को सिंचाई कूप निर्माण के लिए अग्रिम राशि के तौर पर 50-50 हजार रूपए सामग्री मद क्रय के लिए आया था। लेकिन मनरेगा कर्मी एवं अनुबंधित भेड़र के सांठ गांठ से लाभुकों से मोटी कमीशन वसूलने के फिराक में कूप निर्माण के लिए जरूरी सामग्री दिए बिना ही फर्जी बिल वाउचर लगा कर उक्त राशि लाभुको के खाते की जगह भेंडर के खाता में हस्तांतरित कर दिया गया है।
जबकि सच्चाई यह है, कि प्रखंड में एक भी पत्थर आपूर्ति हेतु सरकारी लिज नही होने के कारण सिंचाई कूप निर्माण के लाभुको द्वारा आस पास के सुरक्षित वन क्षेत्र के जंगलों से अवैध उत्खनित पत्थरों का उपयोग कूप निर्माण में धड़ल्ले से किया जा रहा है। सिंचाई कूप निर्माण के जोड़ाई में अगर जंगलों से अवैध तरीके से तोड़े गए पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है, तो कूप निर्माण योजना में मनरेगा कर्मी और भेंडर द्वारा किस बुनियाद पर सरकारी दस्तावेज में लिज का पत्थर और बालू का बिल वाउचर लगाकर सरकारी पैसा अपने खाते में हस्तांतरित करवाया जा रहा है, यह जांच का विषय है।
इस संबंध में बीपीओ दयानंद प्रजापति ने कहा कि प्रखंड में 93 कूप निर्माण का सामग्री मद का 50-50 हजार रुपये आया हुआ, जिसमें से अब तक 30 लाभुकों का पैसा वेंडर अजीत ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर किया गया, बाकि अन्य बची हुई राशि को वेंडरों के खाते में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया की जा रही है। यह पूछने पर कि वेंडर सामग्री की आपूर्ति किये नहीं,उसपर उन्होंने कहा कि सामग्री आपूर्ति का बिल लगा रहें हैं, कैसे और कहां से बिल लगा रहें हैं यह जांच का विषय है।