भवनाथपुर : झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी के बैनर तले मनरेगा कर्मियों ने 'वादा निभाओ, स्थायी करो' मुहिम के तहत शनिवार को विधायक भानु प्रताप शाही के आवास पर पहुंचकर उन्हें अपनी एकसूत्री मांग पत्र सौंपा। इस मांग पत्र के माध्यम से मनरेगा कर्मियों ने विधायक को अवगत कराया कि वे 2007 से मनरेगा योजना के क्रियान्वयन हेतु ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत कार्यरत हैं और अब स्थायीकरण और वेतनमान की मांग कर रहे हैं।
मनरेगा कर्मियों ने कहा कि वे बीते 17 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अल्प मानदेय के अतिरिक्त सरकार द्वारा अन्य कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। विभागीय अधिकारी और सूबे के हुक्मरान मनरेगा कर्मियों की बेबसी का फायदा उठाकर उनका आर्थिक शोषण कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनकी स्थायीकरण की मांग को पूरा करने में आनाकानी कर रही है।
वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2019 में संविदा संवाद एवं रात्रि चौपाल कार्यक्रम के दौरान मनरेगा कर्मियों को स्थायी करने का वचन दिया था, लेकिन सरकार गठन के चार साल बाद भी यह वादा पूरा नहीं हुआ। मनरेगा कर्मियों ने कई बार आंदोलन भी किया, लेकिन उनकी मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं।
मनरेगा कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो राज्य के सभी मनरेगा कर्मी 22 जुलाई 2024 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने विधायक भानु प्रताप शाही से सरकार पर दबाव डालने की मांग की, ताकि उनकी सेवा शर्त नियमावली में सुधार कर सेवा स्थायीकरण एवं वेतनमान का प्रावधान किया जा सके।
मांग पत्र सौंपने वालों में संघ के जिलाध्यक्ष बसंत सिंह, सचिव अभिमन्यु तिवारी, अनुमंडल अध्यक्ष बिरेंद्र प्रसाद यादव, सचिव रोहित शुक्ला, बीपीओ दयानंद प्रजापति, तहमीद अंसारी, परमानंद ठाकुर, रामकुमार प्रजापति, शशि कुमार, मनोज गुप्ता, विष्णुकांत उरांव सहित अन्य कर्मी शामिल थे।