भवनाथपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवनाथपुर के अधीन संचालित स्वास्थ्य उपकेंद्र में पदस्थापित कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) नियमित रूप से उपकेंद्र में उपस्थित नहीं हो रहे हैं, जिससे ग्रामीण मरीजों को खुले अस्पताल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण दूर-दराज के मरीजों को इलाज के लिए भवनाथपुर आना पड़ता है।
स्वास्थ्य उपकेंद्र में सीएचओ की नियुक्ति को कई महीने हो गए हैं, लेकिन उनकी नियमित अनुपस्थिति के कारण ग्रामीणों को उनके बारे में जानकारी तक नहीं है। उपकेंद्र अब सिर्फ सुरक्षित प्रसव केंद्र के रूप में सिमट कर रह गया है। सुबह 9 बजे से लेकर 3 बजे तक ओपीडी समय में सीएचओ को एमपीडब्लू और एएनएम के साथ उपस्थित रहकर मरीजों की जांच और दवा देना अनिवार्य है, लेकिन यह निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।
गुरुवार को कोनमंडरा और वनखेता स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद पाए गए। कोनमंडरा केंद्र में सीएचओ महावीर बारूपाल अनुपस्थित थे। ग्रामीणों ने बताया कि प्रसव के मरीज के आने पर ही एएनएम को मोबाइल द्वारा सूचित कर केंद्र खोला जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें सीएचओ के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कैलान और मकरी स्वास्थ्य उपकेंद्र एमपीडब्लू की उपस्थिति में खुले थे, लेकिन सीएचओ अंकित कुमार त्रिवेदी हाजिरी बनाकर गायब थे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बड़े बाबु अरुण लकड़ा ने बताया कि कोई भी सीएचओ अवकाश पर नहीं हैं। सभी सीएचओ हाजिरी बनाकर स्वास्थ्य उपकेंद्र में गये हैं, लेकिन किसी ने उपकेंद्र में ड्यूटी नहीं की। सीएचओ की ड्यूटी से गायब रहने की शिकायतें नियमित रूप से मिलती हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण वे अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं ला रहे हैं।
सीएचसी प्रभारी डॉ. रंजन दास ने कहा कि हाजिरी बनाकर स्वास्थ्य उपकेंद्र में ड्यूटी नहीं करना गंभीर मामला है। उन्होंने जांच के बाद संबंधित कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।