धुरकी : गढ़वा जिले का सबसे मशहूर व धुरकी प्रखंड क्षेत्र के अंबाखोरया पंचायत अंतर्गत परासपानीकला गांव में पर्यटन स्थल सुखलदरी वाटर फॉल पहुंच पथ निर्माण में सड़क का ठेका लेने वाले ठेकेदार व पेटी कांटेक्टर ठेकेदार के द्वारा सड़क निर्माण मे पीसीसी व कालीकरण कार्य में गुणवत्ता को ताख पर रखकर घोर अनियमितता बरता जा रहा है। जिसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने सोमवार को परासपानीकला गांव में जमकर विरोध कर कार्य को बंद करा दिया। यह सड़क अंबाखोरया धुरकी नगर उंटारी मुख्य पथ से परापानीकला गांव होते सुखलदरी वाटर फॉल तक मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से ग्रामीण कार्य विभाग गढ़वा द्वारा निर्माण कराया जा रहा है।
बीडीसी कृष्ण कुमार सिंह, मुखिया प्रतिनिधि हरिलाल सिंह, उपमुखिया गीता देवी, राजकुमार विश्वकर्मा वार्ड सदस्य हिरा सिंह, शिवपुजन सिंह, अवध कुमार, प्रभु सिंह, शिवनाथ कोरवा, अनील साव, सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण में परासपानीकला मुख्य बस्ती मे पीसीसी निर्माण मे सबसे घटिया स्तर का कंक्रीट गिट्टी डस्ट के साथ कम मात्रा मे सीमेंट व बालू का प्रयोग करते हुए पीसीसी ढलाई का कार्य मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। वहीं निम्न स्तर का सामग्री प्रयोग करने के बाद पीसीसी पथ निर्माण के बाद टुट जाएगा। जिससे पर्यटन स्थल पर जाने वाले पर्यटक और स्थानीय ग्रामीणो को परेशानी होगी।
बीडीसी व मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि सुखलदरी वाटर फॉल तक जाने के लिए सड़क निर्माण कार्य को वे लोग अथक प्रयास से बनवा रहे हैं, लेकिन ठेकेदार और पेटी कांटेक्टर व ग्रामीण कार्य विभाग के जेई कमिशन बंटवारा करने के लिए सड़क की गुणवत्ता से समझौता कर रहे हैं।
ग्रामीणो ने कहा कि यह सड़क हमारे गांव पंचायत और प्रखंड ही नही बल्कि जिले के सबसे मशहूर व पर्यटन स्थल का दर्जा प्राप्त कर चुके सुखलदरी वाटर फॉल तक जाने वाली मुख्य सड़क बन रही है, इसलिए इसके निर्माण कार्य मे विभागीय जेई और एई को अनुपस्थित रहना कमिशनखोरी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
जब जेई संजीव कुमार से पूछा गया तब उन्होने कहा कि सड़क का निर्माण खराब हो रहा है, तब ग्रामीण इसका विरोध करें और पीसीसी ढलाई को ग्रामीण अपने सामने कराएं। वहीं ग्रामीणो ने निम्न स्तर का डस्ट युक्त कंक्रीट गिटी से निर्माण कार्य नहीं करने के लिए ठेकेदार और मुंशी को निर्देश दिया है।
वहीं इधर शिलापट्ट में उपरोक्त सड़क निर्माण योजना का नाम व प्राक्कलन तथा विभाग का नाम भी अंकित नहीं है।