गढ़वा :
उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल व मुख्यमंत्री को तीनसूत्री मांगपत्र दिया
गोशाला की भूमि पर कथित रूप से कब्जे से मुक्त कराने की मांग
श्रीकृष्ण गोशाला समिति के बैनर तले तीन सूत्री मांगों को लेकर शहर के विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों द्वारा सोमवार को एक जुलूस निकाला गया. जुलूस गोशाला परिसर से निकलकर समाहरणालय तक पहुंचा, जहां पहुंचने पर उपायुक्त को राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा गया. मांगपत्र में श्रीकृष्ण गोशाला की भूमि को पूर्ण रूप से अतिक्रमण मुक्त किये जाने एवं भविष्य में किसी प्रकार के अतिक्रमण से रोक लगाने, नगर पालिका प्रशासन द्वारा गोशाला समिति के साथ किये गये एग्रीमेंट के अनुसार बस पड़ाव से होनेवाले आमदनी में से 60 प्रतिशत की राशि भुगतान करने एवं श्रीकृष्ण गोशाला की भूमि पर बनाये गये बस पड़ाव का नाम सुधारकर श्रीकृष्ण पालिका परिवहन पड़ाव करने की मांग शामिल है. इस अवसर पर समिति के लोगों ने कहा कि श्रीकृष्ण गोशाला की शहर के सोनपुरवा में आठ एकड़ भूमि है. इस भूमि पर ही श्रीकृष्ण पालिका परिवहन पड़ाव बनाया गया है. इसका उस समय विरोध किया गया था. विरोध को देखते हुये बस पड़ाव का नाम गोशाला के नाम पर श्रीकृष्ण पालिका परिवहन पड़ाव किया गया था. साथ ही नगरपालिका के साथ हुये समझौते में बस पड़ाव से आनेवाले राजस्व में से 60 प्रतिशत राजस्व गोशाला के संचालन के लिये देना था. लेकिन नगर पालिका प्रशासन द्वारा उपरोक्त किसी भी समझौते का पालन नहीं किया गया. इधर जब नगरपरिषद द्वारा जब नये रूप से बस पड़ाव बनाया गया, तो उसका नाम बदलकर अंतर्राज्यीय बस स्टैंड कर दिया गया. जबकि नाम परिवर्तन के लिये कहीं कोई बैठक हुई और न ही इसके लिये कोई औपचारिक नियमों का पालन किया गया. इस बीच तीन मार्च को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के कार्यक्रम को लेकर गोशाला समिति के गेट को उखाड़ कर ले जाया गया और इसके लिये मना करने पर समिति के सचिव को हिरासत में लेकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. लोगों ने प्रशासन से इस तरह से गोशाला के खिलाफ लगातार की जा रही कारवाई पर अविलंब रोक लगाने की मांग की. कारवाई नहीं होने पर लोगों ने आगे आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी. इस अवसर पर गौशाला समिति के अध्यक्ष विनोद पाठक नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय, कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य विवेकानंद उपाध्याय, समाजसेवी सह कार्यकारिणी सदस्य विजय केसरी, सचिव रमेश कुमार दीपक, कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल, आरटीआई कार्यकर्ता सोनू सिंह, विनोद प्रसाद, समाजसेवी दौलत सोनी, नवलेश धरदूबे, श्यामानंद पांडेय, ललित कुमार पांडेय, सत्यनारायण सिंह, विकेश सिंह, लक्ष्मण सिंह, विजय ठाकुर, सतीश चौबे, अरविंद कुमार, नीतेश कुमार, नंदलाल कश्यप, कमलेश कुमार मेहता, कमलेश प्रसाद, शंकर मालाकार सहित काफी लोग शामिल थे.