गढ़वा :
शोषण अत्याचार एवं अन्याय के खिलाफ संघर्ष का पलामू प्रमंडल में प्रतीक रहे भाकपा माले नेता किशोर कुमार( 86, वर्ष)का रिम्स रांची में शनिवार की रात्रि इलाज के दौरान निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर कल शाम गढ़वा स्थित उनकी पुत्री सुषमा मेहता के आवास पर लाया गया जहां पर आज सुबह अंतिम दर्शन के लिए उनके चाहने वाले काफी संख्या में लोग पहुंचे।
वामपंथी राजनीति के लंबरदार किशोर कुमार का जीवन संघर्ष एवं विविधता से भारा रहा। बिहार के नवादा जिले के मूल निवासी किशोर कुमार गढ़वा में 1970 के दशक में पहुंचे ।जहां पर उन्होंने अपनी अलग-अलग क्षेत्र में पहचान कायम की। हिंदू धर्म में जन्मे किशोर कुमार ने क्रिश्चियन धर्म अपनाया, उनका गढ़वा जिला मुख्यालय में स्थित शांति निवास विद्यालय उनकी पत्नी के नाम पर स्थापित है , जबकि शांति निवास विद्यालय परिसर में स्थित संत पॉल फ्रांसिस चर्च किशोर कुमार के नाम पर ही स्थापित किया गया है।
शांति निवास विद्यालय जो उनकी पत्नी के नाम पर है। गढ़वा में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना जाता है।
किशोर कुमार का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। शांति निवास विद्यालय के अलावा वन विभाग के परिसर में स्थित पलामू हिल व्यु स्कूल के प्रधानाचार्य रहे किशोर कुमार ने अपने कार्यकाल में इस विद्यालय को शिखर तक पहुंचाया था। बाद के दिनों में भाकपा मले की राजनीति में सक्रिय होकर उन्होंने गरीबों की हक अधिकार की लड़ाई के लिए जो संघर्ष शुरू किया उससे ऐसा जुड़े की, मरते मरते तक अन्याअत्याचार तथा शोषण के खिलाफ लड़ते रहे।
पलामू प्रमंडल में कहीं भी किसी के साथ अत्याचार हो तो उसके खिलाफ संघर्ष के लिए लाल झंडे के साथ सड़क पर आंदोलनकारी के रूप में दिखने वाले चेहरे के रूप में किशोर कुमार की पहचान बन गई थी ।
व्यक्ति चाहे कोई भी जाति धर्म का हो यदि उसके साथ जब कभी अत्याचार हुआ हो तो उसकी आवाज बनकर लड़ाई के लिए किशोर कुमार तथा उनका लाल झंडा कहीं भी तत्क्षण तैयार दिखता था।
पलामू में अकाल का सवाल हो अथवा जल जंगल तथा जमीन का मुद्दा इस पर संघर्ष करना मानो किशोर कुमार का शगल बन गया था। आंदोलन के दौरान प्रशासन के डंडे भी किशोर कुमार पर दर्जनों मर्तबा बरसाया गया। उन्हें दर्जनों मुकदमे में फसाया गया।खाशकर पलामू में तत्कालीन उपायुक्त एस जलज के समय तथा गढ़वा में तत्कालीन उपायुक्त एसके सत्पथी के समय में अकाल के सवाल पर कोई लाठी चार्ज में किशोर कुमार के शरीर पर सैकड़ों पुलिस लाठी बरसी जिसमें गंभीर रुप से किशोर कुमार घायल भी भी हुए, अस्पताल में भर्ती हुए फिर उठे पर वे शोषण अत्याचार व अन्य के खिलाफ आजीवन लड़ते रहे।
पलामू प्रमंडल में भाकपा माले के राजनीति के संस्थापक रहे किशोर कुमार का जीवन संघर्ष से भरा रहा। विगत 28 सितंबर को बाथरूम में गिरने के बाद उनकी हालत बिगड़ी ।उन्हें इलाज के लिए रांची रिम्स ले जाया गया। जहां पर 30 सितंबर की रात्रि उन्होंने आखिरी सांस ली और वे इस दुनिया को अलविदा कह गए नूतन टीवी परिवार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।