मेराल (गढ़वा) : कुष्टरोग से पीड़ित शरीर एवं गरीबी के बीच एक अदद वृद्धा/विकलांग पेंशन की आशा संजोए इस संसार को अलविदा कहने का वक़्त करीब आ चुका है मंत्री जी मेरे ऊपर भी तरस खाइए तथा दूसरों की तरह मुझे भी पेंशन की स्वीकृति दिला दीजिए।
यह फरियाद, पेंशन के लिए विगत 8 वर्षों से दफ्तरों का चक्कर लगाते लगाते थककर निराश हो चुके गढ़वा के मेराल प्रखंड के हासन दाग गांव का 72 वर्षीय मोहम्मददीन अंसारी ने पेयजल स्वच्छता मंत्री व स्थानीय विधायक मिथिलेश कुमार ठाकुर से की है।
सरकारी तंत्र कितना संवेदनहीन है इसे जान ना हो तो इस असहाय मोहम्मदी से सुन ले। उसने हमारे प्रतिनिधि को बताया कि वह विगत 20 वर्षों से कुष्ठ रोग से पीड़ित होने के कारण चलने फिरने में लाचार है।
बावजूद पेंशन के लिए विगत 8 वर्षों से पंचायत स्तर से लेकर प्रखंड कार्यालय सहित गढ़वा जिला के समरहनालय तक दर-दर भटकते रहा। लेकिन इस गरीब का अभी तक भला नहीं हो सका। इस दौरान उसे उसके पंचायत के दो-दो मुखिया एवं 3-3 बीडीओ ने पेंशन दिलाने के भरोसा का सिर्फ लॉलीपॉप दिया। इतना ही नहीं एसडीओ प्रदीप कुमार सहित सरकार के जनता दरबार में पेंशन के लिए वह अपना फरियाद करता रहा लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि या अफसरों का कुष्ठ रोगी असहाय पर रहम नहीं आया एवं किसी के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया।
हालांकि पिछले वर्ष तपती धूप में जनता दरबार के माध्यम से गढ़वा एसडीओ प्रदीप कुमार जिले में सप्ताह में 2 दिन दरबार लगाकर वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांगता पेंशन का कार्य स्वयं कर रहे थे।
मोहम्मद अंसारी का कहना है कि मैंने वहां भी जाकर अपना डॉक्यूमेंट एसडीओ साहब को दिया था। हालत यह थी कि तपती धूप से इतनी गर्मी हुई कि मुझे जिला कार्यालय में ही गर्मी से फिट मार दिया और मैं जमीन पर गिर गया था उस वक्त एसडीओ साहब ने कार्यालय के ग्राउंड में पेड़ के छाया में भेजकर बोला कि आप घर जाइए आपका पेंशन एक सप्ताह के अंदर चालू हो जाएगा मगर 4 महीने बाद पता चला मेरा डॉक्यूमेंट को वापस भेज दिया गया जबकि अंग्रेजी बी पी एल भी मेरे पास है पता नहीं किस कारण से यह लोग हमारे लाचारी को नहीं समझ रहे हैं।