◾20 जुलाई को रंका में आंगनबाड़ी सेविका की मौत के बाद उसे कोरोना संक्रमित पाया गया था
◾सीएस के लाख प्रयास के बाद भी 108 ने स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध नहीं कराया एंबुलेंस
◾परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया
◾गढ़वा मुक्तिधाम पर कोरोना संक्रमित का दाह संस्कार किया गया
गढ़वा : गढ़वा जिले में कोरोना महामारी पूरी तरह से पैर फैला चुका है। आज इस संक्रमण से प्रभावित एक बुजुर्ग (84) व्यक्ति की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। जिले में कोरोना संक्रमण से चार दिन में यह दूसरी मौत है।
इससे पहले 20 जुलाई को रंका अनुमंडल मुख्यालय में आंगन बाड़ी सेविका एक महिला की मौत के बाद उसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
चार दिन बाद आज 24 जुलाई को फिर एक कोरोना संक्रमित वृद्ध व्यक्ति की हृदय गति रुकने से मौत हो गई है। चार दिनों में कोरोना से प्रभावित दो लोगों की मौत से गढ़वा के लोगों में दहशत व्याप्त हो गया है। गढ़वा में अब तक 350 संक्रमित में 151 मामले एक्टिव हैं। प्रतिदिन काफी संख्या में कोरोना संक्रमितों की पहचान हो रही है।
इधर मरीज को रेफर किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस नहीं मिलने पर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर एनके रजक ने खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि 108 एजेंसी के आगे स्वास्थ्य विभाग आज लाचार दिखा। विभाग ने 108 संचालित करने वाले एजेंसी के विरुद्ध गढ़वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी है।
घटना के संबंध में बताया गया कि गुरुवार की रात गढ़वा शहर के जल पथ अंचल (वाटर वेज) के एक इंजीनियर के पिता कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए रात में ही कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उन्हें हार्ट अटैक हुआ। चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए रिम्स रांची रेफर कर दिया। उन्हें ले जाने के लिए परिजन स्वास्थ्य विभाग से एंबुलेंस की मांग कर रहे थे। मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एनके रजक ने इस दौरान 108 के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले सभी एंबुलेंस चालक एवं इससे जुड़े तमाम अधिकारी व कर्मचारी को फोन करते रह गए। लेकिन एंबुलेंस नहीं आया। इसी बीच उनकी मौत हो गई।
पिता की मौत के बाद पुत्र ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया :
कोरोना संक्रमित पिता की हृदय गति रुकने से मौत के बाद जल पथ अंचल में कार्यरत इंजीनियर पुत्र ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मृतक के पुत्र ने कहा कि उनके पिता की गंभीर स्थिति थी। उन्हें रिम्स रेफर किया गया था। वह विभाग से लगातार एंबुलेंस उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे। लेकिन विभाग द्वारा उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके कारण उनके पिता की मौत हो गई।
खुद से चलकर वाहन तक पहुंचे थे कोरोना संक्रमित वृद्ध मरीज :
जांच के बाद कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग का एंबुलेंस वृद्ध मरीज को लेने उनके आवास पर पहुंचा तो संक्रमित वृद्ध व्यक्ति स्वयं से चलकर वाहन में बैठे थे। उस समय उनके पुत्र जब उनके सहयोग के लिए आगे आए तो उन्हें उन्होंने रोक दिया और स्वयं वाहन में बैठ गए। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि क्या पता था कि उनके पिता इतनी जल्द उन्हें छोड़कर चले जाएंगे।
गढ़वा दानरो नदी के तट पर स्थित मुक्तिधाम पर किया गया दाह संस्कार :
कोरोना संक्रमित वृद्ध मृतक का दाह संस्कार शहर के सोनपुरवा मोहल्ला में दानरो नदी के तट पर स्थित मुक्तिधाम में किया गया। परिजन शव को बिहार के डेहरी ऑन सोन ले जाना चाहते थे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने यह कहते हुए मना कर दिया कि जब तक बिहार सरकार से नो ऑब्जेक्शन नहीं ले लिया जाएगा, शव को नहीं जाने दिया जा सकता।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर एनके रजक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमित वृद्ध की मौत के बाद उनके शरीर को अच्छे तरीके से सेनीटाइज कर संबंधित प्रक्रिया पूरी कर मुक्तिधाम तक स्वास्थ्य कर्मियोंं के माध्यम से पहुंचाया।
वहां परिजनों को शव सौंपने के बाद स्वास्थ्य कर्मी वापस आ गए। मृतक के दाह संस्कार में पुत्र के अलावे आसपास के करीब 10 लोग उपस्थित थे। इस दौरान मृतक के पुत्र ने मुक्तिधाम पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शव को छोड़कर चले जाने का आरोप भी लगाया।
क्या कहां सिविल सर्जन ने :
मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर एनके रजक ने कहा कि मरीज की हालत अस्पताल में आने के बाद गंभीर हो गई थी। उन्हें हार्ट अटैक आया था। उन्हें इलाज के लिए रांची रेफर किया गया था। लेकिन एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण उन्हें नहीं ले जाया जा सका। उन्होंने सदर अस्पताल को 108 नंबर के द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराए जाने पर खेद व्यक्त किया। सीएस ने कहा कि वह संबंधित एजेंसी के विरुद्ध गढ़वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दिए हैं।
क्या कहा उपायुक्त ने :
घटना के संबंध में उपायुक्त राजेश कुमार पाठक ने कहा कि कोरोना संक्रमित वृद्ध मरीज की मौत हृदय गति रुकने से हुई है। अस्पताल को 108 एजेंसी के द्वारा तत्क्षण एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जाना गंभीर मामला है। लापरवाह लोगों के विरुद्ध हर हाल में कार्रवाई होगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।