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खुद को बचाने के संकल्प से ही भगाया जा सकता है कोरोना को

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access_time 28-07-2020, 05:42 PM


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विवेकानंद उपाध्याय
चैनल हेड, नूतन टीवी गढ़वा

गढ़वा : गढ़वा जिले में कोरोना की आफत से लोगों की जान सांसत में है। हालत यह है कि जिले में कोरोना वारियर्स के बीच भी कोरोना का खतरा इस कदर बढ़ गया है कि पुलिस हो अथवा पत्रकार यहां तक कि स्वास्थ्य कर्मी भी जिले में कोरोना संक्रमित होकर परेशान है, हाल के दिनों में लगातार कोरोना का पोजिटीव रिपोर्ट पुलिस कर्मियों की ओर रुख किए हुए है। आए दिन जब शाम को रिपोर्ट आ रहा है तो उसमें पुलिस कर्मियों का नाम संक्रमितों में निरंतर आ रहा है। यही कारण है कि जिले में कोरोना वारियर्स संक्रमितों की संख्या 45 तक पहुंच गया है, उसमें 41 पुलिसकर्मी 4 स्वास्थ्य कर्मी तथा एक पत्रकार शामिल हैं। ठीक है कि इसमें से आधे से अधिक स्वस्थ्य होकर कोविड-19 अस्पताल से घर लौट गए हैं। मगर जरा सोचिए युद्ध के मैदान में सैनिक ही बीमार हो जाएंगे तो उस युद्ध को कैसे जीता जा सकता है। ऐसा इसलिए की हमारे जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या का आंकड़ा 400 को पार कर 423 तक पहुंच गया है। ठीक है कि इसमें से 241 लोग सेहतमंद होकर घर लौट चुके हैं, मगर हालत यह है कि करोना का प्रकोप रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक पखवारे के दौरान यह आंकड़ा 300 के करीब है। ऐसे में हालत यह है कि आज हर किसी के मन में यह भय व्याप्त रह रहा है कि कहीं वह भी किसी संक्रमित के प्रभाव में आकर कोरोना पॉजिटिव की श्रेणी में नहीं आ जाए। वैसे भी गढ़वा जिले का 20 में से 16 प्रखंडों में कोरोना न केवल दस्तक दे दिया है बल्कि संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ते जा रही है। सबसे बदतर स्थिति जिला मुख्यालय से जुड़ा गढ़वा शहरी क्षेत्र तथा सदर प्रखंड गढ़वा रंका मझिआंव, मेराल तथा बंशीधर नगर का है। हालत यह है कि 423 में से आधा से अधिक संक्रमित इन्हीं प्रखंडों में पाए गए हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर लोग पूरी तरह से भयाक्रांत हैं। विशेषकर आए दिन कोरोना संक्रमितों की बढ़ रही संख्या से स्वास्थ्य विभाग भी हैरान व परेशान है। कोरोना से अब तक जिले में 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में कोरोना के इस संकट से कब गढ़वा जिले के लोगों को मुक्ति मिलेगी? इसे लेकर हर किसी के मन में बहुत सारे सवाल हैं। इन सवालों का जवाब देना वर्तमान हालात में बड़ा ही कठिन है। ऐसा इसलिए भी की जब कोरोना वारियर्स ही बीमार होने लगेंगे तो आखिर इस संकट से निजात कौन दिलाएगा? वैसे भी शुरुआती दौर में समाज के चारों तरफ से लोग कोरोना के संकट में एक दूसरे को मदद करने के लिए तथा जागरूक करने के लिए तैयार थे, मगर उनके हौसले भी बढ़ते कोरोना के प्रकोप से कुंद हो गए हैं। क्योंकि जिले में कइ ऐसे लोग भी कोरोना के संक्रमण में आकर सहम से गए हैं। ऐसे में आज हर किसी को जरूरत है कि खुद से अपना बचाव करें हर हालत में जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले। भीड़-भाड़ से बिल्कुल ही बचे। किसी भी परिस्थिति में मास्क लगाकर ही बहुत जरूरी हो तो घर से बाहर निकले। सैनिटाइजर का इस्तेमाल अपने जीवन शैली में शामिल करें तथा कोरोना से बचने के हरसंभव उपाय के बीच जीवन जीने का डेलीरूटीन बना ले तभी कोरोना के संकट के दौर से हम सभी खुद को बचाएंगे और जब सभी लोग खुद को बचने की मुहिम के प्रति सतर्क हो जाएंगे तो व्यक्ति से समाज तक पहुंचा कोरोना आइसोलेट होकर स्वत: भाग जाएगा।


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