गढ़वा : 24 घंटा 365 दिन जनता की सेवा करते हुए विकास के संकल्प के साथ गढ़वा विधानसभा की बागडोर संभाले गढ़वा के विधायक व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर को करीब 6 माह गुजर गए। इस 6 माह में उन्हें गढ़वा ने विधायक बनाया तो हेमंत सरकार ने मंत्री। तात्पर्य यह कि सोने पर सुहागा की कहावत चरितार्थ हुई।
इस 6 माह में विधायक के रुप में मिथिलेश कुमार ठाकुर की जनता से सीधे जुड़ कर वास्तविक शुरुआत पिछले 6 दिनों के गढ़वा दौरे से हुई है। जनता की सेवा एवं क्षेत्र के विकास के संकल्प के प्रति श्री ठाकुर का कमिटमेंट इस दौरे के दौरान अवश्य दिखा। मगर यह बेहतर शुरुआत से ज्यादा अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि जिस प्रकार से पेयजल स्वच्छता मंत्री के रूप में श्री ठाकुर ने गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र में विकास और जनता की सेवा करने की अपने कमिटमेंट को पूरा करने के लिए जिले के सुदूरवर्ती रमकंडा प्रखंड से 23 जून से इस दौरे की शुरुआत की और शुरुआती काल से ही इस कोरोना के दौरान में भी जिस तरह से मंत्री से अपेक्षा पाले मिलने वालों का तांता लगा रहा एवं अपनी समस्या से निजात पाने के लिए जो आम लोगों की बेचैनी इनके समक्ष दिखा। इससे उन्हें शायद यह एहसास हो गया होगा की जिले में बिजली सड़क एवं पेयजल जैसी लोगों की कॉमन समस्या तो है ही, वहीं विकास योजना में पंचायत से लेकर प्रखंडों तक भ्रष्टाचार के आकंठ में पूरा गढ़वा विधानसभा का विकास तंत्र गोता लगा रहा है।
श्री ठाकुर के इस छः दिवसीय दौरे के दौरान रमकंडा प्रखंड में जिस प्रकार से जनता ने उन्हें पेयजल, रहने के लिए आवास एवं आवागमन के लिए सड़क की समस्या से रूबरू कराया। उससे दौरे के शुरुआत में ही मंत्री को एहसास हो गया होगा की विकास के मामले में रमकंडा की हालत क्या है?
मंत्री श्री ठाकुर के छह दिवसिए दौरे की पराकाष्ठा जिले का रंका एवं डंडा प्रखंड रहा क्योंकि जहां एक ओर रंका प्रखंड में लोगों ने अपनी समस्या से दो चार करते हुए मंत्री के सामने विकास की रफ्तार में लगी जंग से उन्हें ऐसा रूबरू कराया कि सड़क बिजली पानी जैसी कॉमन समस्या के साथ-साथ जमीन के गोरखधंधे एवं वृद्धावस्था पेंशन तथा राशन कार्ड जैसी लोगों की व्यक्तिगत समस्या व उनकी पीड़ा को महसूस करते हुए उन्हें कहना पड़ा की पिछले 50 वर्षों में इस क्षेत्र का जो अधूरा विकास रह गया है, उसे वे 5 साल में हर हाल में पूरा करेंगे, जैसा आश्वासन उन्हें देना पड़ा। 5 साल में 6 माह गुजर गया है। आने वाला साढ़े 4 साल के वक्त में उन्हें तेज रफ्तार में रंका प्रखंड के लोगों की समस्या के जमीन पर विकास का फसल उगाना पड़ेगा।
डंडा प्रखंड के जनता दरबार ने तो एक तरह से मंत्री श्री ठाकुर को अधिकारियों के सामने में ही विकास योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार का आईना दिखा दिया। जिसमें यह बात सामने आई की प्रखंड में भ्रष्टाचार इस कदर चरम पर है कि अधिकारी हो या कर्मचारी बगैर रिश्वत के कोई काम नहीं करते, वर्तमान समय में इस सच्चाई से कोई इनकार नहीं कर सकता। जग जाहिर है कि सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी इस कदर जड़ जमाए हुए है कि आमतौर पर लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि कभी वह दिन आएगा जब सरकारी दफ्तरों में बगैर रिश्वत के कोई काम भी जनता का हो पाएगा? देखना होगा आने वाले वक्त में मंत्री श्री ठाकुर भ्रष्टाचार को मिटाने के अपने कमिटमेंट की बड़ी चुनौती जो विकास की राह में बड़ा अवरोधक भी है कैसे पूरा करेंगे?
गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र से मिथिलेश कुमार ठाकुर की जीत कर्म के आधार पर जनता का विश्वास की जीत साबित हुआ था। लिहाजा जनता के इस भरोसे को विधायक से मंत्री बने मिथिलेश ठाकुर को पूरा करने के लिए इस छः दिवसीय दौरे में कई महत्वपूर्ण टिप्स मिले हैं। मसलन बिजली, सड़क एवं पेयजल जैसी लोगों की सामूहिक समस्या के साथ-साथ आम लोगों की जिंदगी की जरूरत से जुड़े मसले जिसमें राशन कार्ड सरकारी आवास एवं पेंशन जैसी योजना शामिल है। गढ़वा के लोगों की सालों की नहीं दशकों की लंबित अपेक्षा है। इस अपेक्षा में श्री ठाकुर को हेमंत सरकार में मंत्री बनाए जाने से पंख भी लग गया है। जिसे आने वाले वक्त में पूरा करने की जवाबदेही श्री ठाकुर के समक्ष है।
जहां तक जिला मुख्यालय से जुड़े गढ़वा शहर का प्रश्न है? यहां की जनता बिजली पानी सड़क जैसी समस्या के साथ-साथ बाईपास सड़क के निर्माण की आशा संजोए अब तक कई नेताओं की विदाई कर चुकी है। मंत्री के इस दौर में लोगों ने इसे खूब उछाला भी है। शहरी पेयजल आपूर्ति योजना एवं बिजली के प्रति इस दौरान मंत्री श्री ठाकुर का कमिटमेंट जिस तरह से दिखा उससे तो साफ है कि आने वाले कुछ महीनों में बिजली के साथ-साथ पेयजल की समस्या से निजात पाने की जिला मुख्यालय गढ़वा की उम्मीद निकट भविष्य में पूरी हो सकती है।
लोगों से उनके घर जाकर व्यक्तिगत मुलाकात करते श्री ठाकुर
तमाम परिस्थितियों के बीच पेयजल स्वच्छता मंत्री व स्थानीय विधायक मिथिलेश ठाकुर के इस छह दिवसीय दौरा से यह साफ हो चुका है कि संवेदना के मामले में वे काफी गंभीर हैं। क्योंकि इस दौरे के दौरान उन्होंने जहां एक और हुर मध्या गांव में जाकर घायल पुलिस के जवान के परिजनों से मुलाकात की। वहीं पत्रकार की मां की मौत पर उनके घर पहुंच कर उन्हें सांत्वना भी दिए यहां तक की एक बीमार कांग्रेसी नेता के घर पहुंच कर सहानुभूति भी जताया। साथ ही संगठन के जो भी लोग अपनी समस्या को लेकर उनसे मिलने आए, उन्हें न केवल गंभीरता पूर्वक सुना, बल्कि उनके काम कराने के भरोसे भी दिए। वहीं दौरे के क्रम में अपने चुनावी वादे को पूरा करने के प्रति इनके मन में उत्कंठा भी दिखी। क्योंकि महज 6 दिन के दौरे में गढ़वा विधानसभा चुनाव क्षेत्र के सभी प्रखंडों तक पहुंचना अपने आप में एक बड़ा कीर्तिमान है।
उम्मीद करना होगा कि लोगों के प्रति संवेदना एवं आम लोगों से मुलाकात कर उसकी समस्या के प्रति जिज्ञासा रखना आनेवाले दिनों में जनप्रतिनिधि के रूप में श्री ठाकुर की पहचान अलग तरह की होगी बशर्ते इस दौरे के दौरान लोगों से हुई मुलाकात अपने किए वादे धरातल पर उतार पाए।
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