संदेहात्मक जमाबंदी रद्द किए जाने संबंधित मामले में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रामगढ़ चंदन कुमार ने की प्रेस वार्ता
रामगढ़ जिले के मांडू अंचल अंतर्गत गैर मजरूआ खास किस्म जंगल भूमि पर कायम पांच संदेहात्मक जमाबंदी रद्द (कुल रकवा 403.30 एकड़), उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रामगढ़ के न्यायालय में हुई सुनवाई।
रामगढ़: रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू अंचल में 403.30 एकड़ संदेहात्मक जमाबंदी रद्द किए जाने संबंधित मामले को लेकर शनिवार को उपायुक्त, रामगढ़ श्री चंदन कुमार ने प्रेस वार्ता कर मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी दी।
*रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू अंचल के मौजा चपरा में गैर मजरूआ खास किस्म जंगल भूमि पर संदेहात्मक जमाबंदी कायम किए जाने संबंधित मामले में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रामगढ़ श्री चंदन कुमार द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। मांडू अंचल अंतर्गत मौजा चपरा थाना संख्या 94 खाता संख्या 7 में उमापदो सेन मोदक के नाम से 168.30 एकड़, ईशहाक मियां के नाम से 150 एकड़ एवं विश्वनाथ सेन मोदक के नाम से 85 एकड़ कुल 403.30 एकड़ गैर मजरूआ खास किस जंगल भूमि पर कायम संदेहात्मक जमाबंदी को रद्द कर दिया गया है।*
*संदेहात्मक जमाबंदी संबंधित मामले संज्ञान में आने के उपरांत उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रामगढ़ के न्यायालय में मामले की सुनवाई की गई एवं न्यायालय द्वारा संबंधित मामले में बिहार/ झारखंड भूमि सुधार अधिनियम 1950 की धारा 4h के तहत कायम संदेहात्मक जमाबंदी को रद्द किया गया जिसके उपरांत विभागीय प्रक्रिया के अंतर्गत जमाबंदी रद्द की संपुष्टि हेतु प्रस्ताव आयुक्त उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल हजारीबाग को भेजा गया है।
संदेहात्मक जमाबंदी रद्द किये जाने के कारण निम्न है-
1 विपक्षी का प्रश्नगत भूमि पर कब्जा नहीं है। रिर्टन K प्रपत्र दाखिल नही होना एवं इस संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करना।
2 M प्रपत्र पर लगान निर्धारण किया जाना आवश्यक है परन्तु इस संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जाना।
3 पंजी-2 में जमाबन्दी खोलने हेतु किसी सक्षम पदाधिकारी का आदेश नहीं है।
4 रैयत मान्यता अभिलेख पर सक्षम प्राधिकार का हस्ताक्षर नहीं है।
5 वन भूमि पर बन्दोबस्ती सरकार के आदेश के बिना विधि विरुद्ध है।