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मधुमेह (डायबिटीज़) के कारण और बचाव के उपाय

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मधुमेह (डायबिटीज़) के कारण और बचाव के उपाय मधुमेह एक गंभीर और तेजी से फैलने वाली बीमारी है जो तब होती है जब हमारे शरीर में इंसुलिन का उत्पादन या उपयोग ठीक से नहीं हो पाता। यह बीमारी हमारे शरीर में ग्लूकोज (शुगर) के असंतुलन के कारण होती है। आइए, विस्तार से जानें मधुमेह के कारण और इससे बचने के उपाय। मधुमेह होने के कारण: 1- जीवनशैली में असंतुलन: आधुनिक जीवनशैली, जिसमें शारीरिक गतिविधि की कमी और ज्यादा फैटी या जंक फूड का सेवन शामिल है, मधुमेह के मुख्य कारणों में से एक है। अधिकतर समय बैठकर काम करने वाली दिनचर्या, अनियमित भोजन, और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट व शर्करा युक्त आहार मधुमेह का खतरा बढ़ाते हैं। 2- वंशानुगत (जेनेटिक) कारण: अगर परिवार में माता-पिता या अन्य किसी सदस्य को मधुमेह है, तो इस बीमारी का खतरा अगली पीढ़ी में भी हो सकता है। वंशानुगत कारणों से इंसुलिन की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा अधिक रहता है। 3- मोटापा: मोटापा, विशेष रूप से पेट के आस-पास जमी चर्बी, इंसुलिन रेजिस्टेंस (इंसुलिन की प्रभावशीलता में कमी) पैदा करता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है। मोटापा टाइप 2 मधुमेह का प्रमुख कारण है। 4- तनाव और मानसिक अस्थिरता: लंबे समय तक तनाव में रहना भी शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। इससे इंसुलिन की मात्रा और कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे शुगर स्तर बढ़ सकता है। 5- असंतुलित आहार: बहुत अधिक प्रोसेस्ड फूड, मीठे पेय, तैलीय और उच्च-कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन खाने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है। यह आदतें शरीर के इंसुलिन के उत्पादन और उसके सही उपयोग में रुकावट डाल सकती हैं। 6- शारीरिक गतिविधि की कमी: अगर आपका शरीर सक्रिय नहीं है तो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पाता। नियमित शारीरिक व्यायाम न करने से शरीर में ग्लूकोज जमा होने लगता है, जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ता है। 7- उम्र का प्रभाव: उम्र बढ़ने के साथ-साथ इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ता है। 45 वर्ष की उम्र के बाद इस बीमारी की संभावना अधिक हो जाती है। 8- अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी बीमारियों के साथ मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। ये स्वास्थ्य समस्याएं शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती हैं, जिससे इंसुलिन सही से काम नहीं करता। मधुमेह से बचने के उपाय: 1- संतुलित आहार का सेवन करें: शुगर और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों को कम करके, साबुत अनाज, हरी सब्जियाँ, फल और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ को अपनी डाइट में शामिल करें। खासकर प्रोसेस्ड और जंक फूड से दूर रहना ज़रूरी है। शुगर की मात्रा कम करें। सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस या साबुत अनाज का सेवन करें। मिठाइयों, सॉफ्ट ड्रिंक्स और मीठे स्नैक्स से परहेज करें। 2- नियमित शारीरिक गतिविधि: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें। यह मधुमेह से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। व्यायाम करने से न केवल वजन नियंत्रित रहता है, बल्कि शरीर में इंसुलिन की कार्यक्षमता भी बेहतर होती है। आप तेज़ वॉक, दौड़, साइकिल चलाना, योग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे व्यायाम कर सकते हैं। 3- वजन को नियंत्रित रखें: अगर आपका वजन अधिक है, तो इसे कम करना मधुमेह से बचने के लिए आवश्यक है। वजन घटाने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है और रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। 4- तनाव कम करें: योग, ध्यान और गहरी साँस लेने के अभ्यास से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है। तनाव से हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। इसलिए, मानसिक शांति और तनाव प्रबंधन का अभ्यास मधुमेह से बचने के लिए ज़रूरी है। 5- नियमित स्वास्थ्य जांच: अगर आप मधुमेह के जोखिम में हैं, तो समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करवाएं। खासकर यदि आपके परिवार में किसी को डायबिटीज़ है या आप मोटापे, उच्च रक्तचाप या कोलेस्ट्रॉल से ग्रस्त हैं। शुरुआती जांच से समय रहते मधुमेह के लक्षण पहचाने जा सकते हैं और आप सही समय पर सावधानी बरत सकते हैं। 6- धूम्रपान और शराब से दूरी: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है। धूम्रपान रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित करता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। शराब पीने से शरीर में शुगर का स्तर असंतुलित हो जाता है। 7- पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लेना बहुत जरूरी है। हर रात 7-8 घंटे की नींद लेने से शरीर में इंसुलिन का प्रभाव बेहतर होता है। निष्कर्ष: मधुमेह के कई कारण हो सकते हैं, जैसे असंतुलित जीवनशैली, वंशानुगत प्रभाव, मोटापा, और तनाव। लेकिन इससे बचना संभव है अगर आप सही आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाते हैं। अगर आप पहले से ही मधुमेह के खतरे में हैं या आपके परिवार में किसी को मधुमेह है, तो नियमित जांच करवाना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना आवश्यक है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से न सिर्फ मधुमेह, बल्कि अन्य बीमारियों से भी बचाव हो सकता है। https://maps.app.goo.gl/ss1jTD8NK8UBSQbBA



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