एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) एक वायरस है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है और अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो अधिग्रहित इम्यूनोडिफीसिअन्सी सिंड्रोम (एड्स) हो सकता है। वायरस संक्रमित शरीर के तरल पदार्थ, जैसे रक्त, वीर्य, योनि तरल पदार्थ और स्तन के दूध के संपर्क में आने से फैलता है।
वर्तमान में एचआईवी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उचित चिकित्सा देखभाल के साथ इसे नियंत्रित और प्रबंधित किया जा सकता है। एचआईवी को नियंत्रित करने के कुछ उपाय यहां दिए गए हैं:
एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी): एचआईवी के लिए एआरटी मुख्य उपचार है और इसमें हर दिन एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं का संयोजन शामिल है। एआरटी वायरस को दबा सकता है और एचआईवी से एड्स की प्रगति को धीमा कर सकता है।
स्वस्थ जीवन शैली: संतुलित आहार खाने, नियमित व्यायाम करने और पर्याप्त आराम करने सहित एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाना, आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
नियमित चिकित्सा जांच: नियमित चिकित्सा जांच और आपकी एचआईवी स्थिति की निगरानी रोग की प्रगति की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि आपकी उपचार योजना प्रभावी है।
सुरक्षित व्यवहार: संभोग के दौरान कंडोम का उपयोग करने और सुई या अन्य इंजेक्शन उपकरण साझा करने से बचने जैसी सुरक्षित प्रथाओं में संलग्न होने से एचआईवी के संचारण या अनुबंध के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य सहायता: एचआईवी के साथ रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए यदि आवश्यक हो तो परिवार, दोस्तों या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एचआईवी के साथ हर किसी का अनुभव अनूठा होता है और एचआईवी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकता है। एक व्यक्तिगत उपचार योजना विकसित करने के लिए अपने चिकित्सक के साथ मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। यदि आप इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आज ही डॉ. युवराज अरोड़ा से संपर्क करें।
डॉ. युवराज कहते हैं कि समय के साथ लोगों में एचआईवी एड्स को लेकर जागरूकता बढ़ी है और अब ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं, जिनके जरिए एड्स पीड़ितों की उम्र बढ़ाई जा सकती है और ऐसा व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है.
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