एनपीयू के छात्रों के लिए मानो उनका प्रथम कर्तव्य आंदोलन करना हो गया है। कभी नामांकन तो कभी परीक्षा तो कभी प्राचार्य की कमी या फिर शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को धरना प्रदर्शन और अधकरियों का घेराव करना पड़ता है।इसके बाद भी उनके समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है। सच्चाई यही है कि दिन ब दिन विश्वविद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था लचर होती जा रही है।
अब हम बात करते हैं एनपीयू के अधिनस्थ लातेहार जिले के मनिका प्रखंड में स्थित एकमात्र सरकारी डिग्री कॉलेज की जहां शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लचर हो चुकी है, बीते दिनों ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अथक प्रयास से कॉलेज में नए प्राचार्य को नियुक्ति हो सकी है उसके बाद भी छात्रों को परेशानियां कम नहीं हो रही है गत दिनों विश्वविद्यालय के कुलपति को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें स्पष्ट रूप से यह लिखा हुआ था की विज्ञान की पढ़ाई शुरू होने के बाद भी आज तक कॉलेज में विज्ञान के शिक्षक नही है। महाविद्यालय में लातेहार, चंदवा, गारू और बहुत दूर दराज से छात्र पढ़ने आते हैं लेकिन महाविद्यालय में लगभग 1600 छात्र में मात्र 7 शिक्षक ही है। ज्ञापन एक सितम्बर 2021 को दिया गया था अब 2022 से आने वाला है।
एक साक्षात्कार में अभाविप के नगर सह मंत्री उत्तम कुमार ने बताया कि बहुत ही जल्द अभाविप कॉलेज में भूगोल की पढ़ाई शुरू करवाने के लिए अधिकारियों से मिलेंगे।
अभाविप ने यह निर्णय लिया है की अगर शीतकालीन अवकाश के बाद कॉलेज खुलते ही महाविद्यालय की समस्याओं को दूर नही किया गया तो अभाविप उग्र आंदोलन करेगी और इसकी जिम्मेदार सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन होगी,महाविद्यालय खुलने के 3 साल बाद भी महाविद्यालय की ये हालत चिंतनीय है। कुमार ने कहा की अगर 10 दिनों के अंदर महाविद्यालय की कमियों को दूर नही किया गया तो अभाविप राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप उन्हें इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुजारिश करेगी ।