स्वांग। बोकारो जिले के तेनुघाट सिंचाई विभाग के अतिथि गृह में झारखंड के कोयला क्षेत्र में जस्ट ट्रांजिशन की भूमिका और चुनौती पर एक क्षेत्रिय परामर्श का आयोजन दामोदर बचाओं अभियान, संवाद और असर की ओर से किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए गोमिया के विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि थर्मल पावर से मोह भंग करते हुए हमे अक्षय उर्जा की ओर बढने की जरुरत है। तभी हम देश और दुनिया को नई दिशा दे सकते है। झारखंड के बोकारो जिले मंे तीन पावर प्लांट के साथ कई कोयले की खदानें है, लेकिन उनका लाभ जिस तरह ग्रामीण इलाकों मंे रहने वाले लोगों को मिलना चाहिए था। वह नहीं मिल पा रहा है। सरकार की ओर से डीएमपफटी फंड तो बनाया गया है, लेकिन उसका उपयोग ग्रामीण इलाकांें में सिर्फ पेयजल आपूर्ति में खर्च हो रहा है, जबकि उस फंड का उपयोग शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के अलावे कृषि में खर्च किया जाना चाहिए। ताकि गांव में रहने वाले लोगों का विकास हो सकें। वहां के बच्चे आगे निकल सकें। बेरमो एसडीओ अनंत कुमार ने कहा कि जस्ट ट्रांजिशन के साथ क्लाइमेट चेंज का सामना आने वाले दिनों में नई चुनौती के रुप में आने वाली हैं। जिसकी तैयारी हमें अभी से ही करने की जरुरत है। काफी समस्याओं के बीच ग्रामीण अपनी जमीन कोल परियोजना के लिए देते है। उस दौरान जनसुनवाई में कोल माईंस कंपनी कई प्रस्ताव रखती है, जो सुनने में अच्छा लगता है। बाद के दिनों में कंपनी उससे मुकर जाती है। आज भी इलाके के कई कोल परियोजना बंद हो चुकी है। जिसे मिट्टी भर कर ग्रामीणांें को खेती के लिए जमीन वापस करनी थी। जो हुई नहीं है। जिस वजह से भी कई नई समस्या खडी हो जाती है। इसलिए कोल कंपनियों से वार्ता कर हमें बदलाव की दिशा में आगे बढना है। कार्यक्रम में असर के मुन्ना झा ने विषय प्रवेश करवाते हुए जस्ट ट्राजिशन पर प्रकाश डाला। वहीं संवाद के शेखर ने कार्यक्रम की महत्ता को रखा। समारोह का संचालन दामोदर बचाओं अभियान के संयोजक गुलाब चंद्र ने की। मौके पर एटक नेता लखन लाल महतो, सुबोध सिंह पवार, काशीनाथ केवट, एके सिन्हा, विनय सिंह, महावीर कुमार, सिस्टर स्टेला, श्रवण सिंह, खिरोधर महतो, विनोद पासवान, योगो पुर्ति, गौतम सागर, प्रवीण, अनंत, आशीष शर्मा, दीपक कुमार के अलावे कई लोग मौजूद थे।