(पिपरवार से खबर मन्त्र संवाददाता आदर्श विश्वकर्मा की रिपोर्ट)
*रैयत विस्थापित मोर्चा का संघर्ष लाया रंग दो वर्षो बाद पुनः चालू हुआ रिजेक्ट कोल डंप*
*मजदूरों के बीच दौड़ी खुशी की लहर*
पिपरवार।रैयत विस्थापित मोर्चा के संघर्ष और प्रयास से लगभग 2 सालों से बंद पड़ा रिजेक्ट कोल सेल डंप को गुरुवार को मोर्चा के इक़बाल हुसैन,रामचंद्र उरांव,एवं प्रबंधन के परियोजना पदाधिकारी धनंजय कुमार मैनेजर पीके सिंह,आनंद सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से नारियल फाड़कर विधिवत पूजा अर्चना कर डंप को चालू किया गया।पिपरवार क्षेत्र के अंतर्गत बिलारी चिरैयाटांड़ गांव के समीप सीएचपी परियोजना मे रिजेक्ट कोल डंप जो हजारों ग्रामीणों एवं 20 गांव को रोजगार मुहैया करवाता था। अचानक 2 साल पूर्व रिजेक्ट कोल डंप बंद हो गया जिससे आसपास के ग्रामीणों में भुखमरी एवं बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो गई और वह यहां से पलायन करने लगे। रैयत विस्थापित मोर्चा ने क्षेत्र में घट रहे इस दर्दनाक स्थिति को गंभीरता से लिया और इस पर लगातार 2 वर्षों से बंदी,आंदोलन और संघर्ष से रिजेक्ट कोल डंप को चालू कराने का काम किया गया।मौके पर उपस्थित डी.कुमार ने कहा कि काफी लंबे संघर्ष के बाद आज खुशी का दिन आया है रिजेक्ट चालू होने में प्रबन्धन के पदाधिकारी आरवीएम के पदाधिकारी एवं विस्थापित ग्रामीणों का अहम योगदान रहा है। इनके संघर्ष के परिणाम स्वरूप ही आज डंप चालू हो पाया है। इस दौरान इकबाल हुसैन ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विगत 2 वर्षों का परिणाम आज सामने आया है रिजेक्ट डंप के सवाल पर रैयत स्थापित मोर्चा की टीम 2 वर्षों तक संघर्ष करने का काम किया और यह डंप पिपरवार एन.के.एरिया में एकमात्र हैंड लोडिंग का डंप है इस डंप से आसपास के तकरीबन 20 गांव के हजारों हजार मजदूर रोजगार से लाभान्वित हो रहे थे। डंप बंद हो जाने से मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई थी।खुशी की बात है कि आज डंप चालू हो रहा है इस पर परियोजना पदाधिकारी एवं उनकी टीम को तहे दिल से आभार प्रकट करता हूं। अंत में प्रबंधन एवं मोर्चा की टीम ने एक दूसरे को बधाई दी और एक दूसरे को लड्डू खिलाकर खुशी जाहिर की।मौके पर महेंद्र कुमार गंझू, विजय महतो,सूरज मुंडा, हरिनारायण गंझू,इदरीस अंसारी, इंदरजीत उरांव,विरु मुंडा,अनिल ठाकुर,सरवन महतो,अमर महतो, रमेश महतो,रतन महतो,सुरेश महतो,राजेंद्र गंझू,फहीम राजा, रितेश टाना भगत,दीरपाल टाना भगत,विनोद महतो,नागेश्वर महतो,जावेद अली,हेमराज महतो, प्रदीप महतो,बासुदेव महतो,महेश महतो,गन्दोरि महतो, मिटकु महतो,सदिक अंसारी, फ़िरोज़ अंसारी,समेत तमाम लोग मौजूद थे।