9 सिंतबर से गणेश चतुर्थी की पूजा शुरु होने वाली है। पूरे भारत मे इस महापर्व को लेकर तैयारियों जोरों-शोरों पर है। गणेश पूजा के लिए बड़े-विशाल पंडाल सजाएं जा रहे है। भगवान गणेश की बड़ी-से-बड़ी और छोटी से छोटी मूर्तियों से बाजार सज गया है। कलाकार गणेश की प्रतिमाओं को अंतिम रुप देने में जुट गए है। इसी अवसर पर ग्रीन क्रिस्टल स्टूडियो ने गणेश उत्सव के दिन रखा, इको फ्रेंडली कंपटीशन।
इस कंपटीशन मै पुरे भारत से लोगो ने पार्टिसिपेट किया पर इको फ्रेंडिली गणेश बनाकर अपना प्यार दिखाया और हमारे प्रकृति को बचाया.
दरअसल ग्रीन क्रिस्टल स्टूडियो ने यह कांटेस्ट इसलिए रखा ताकि हमारे प्रकृति पर इसका असर ज्यादा ना हो और गणेश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा सके। साथ ही शाडू मिट्टी से बनी मुर्तियां पानी में आसानी से घुल जाती है और प्रदुषण नहीं फैलाती। इस तरह की मूर्तियां प्रकृतिक के लिहाज से अपयुक्त है। इससे कोई प्रदूषण नहीं होता। जलीय जीव भी सुरक्षित रह पाते है। इसके अलावा पैपर मैश यानी कागज से बनी मूर्तियां भी लोग पंसद कर रहे है।
मेहमान बनकर घर में विराजमान होने वाले गणपति बप्पा की इको फ्रेंडली मूर्तियों को लोग खासा पसंद कर रहे है। लोग पीओपी यानी प्लास्टर ऑफ पैरीस से बनी बप्पा की मूर्तियों से बच रहे है। शाडू मिट्टी और प्रकृतिक रंगों से बनी बप्पा की मूर्तियों की की मांग काफी बढ़ गई है। इस कांटेस्ट में लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और इको फ्रेंडली गणेश बना कर हमारे प्रकृतिक की रक्षा की.