हजारी सवांददाता प्रवीण कुमार का रिपोर्ट।
हज़ारी (गोमिया )। गोमिया प्रखंड अंतर्गत पलिहारी गुरुडीह एवं गोमिया पंचायत में पेयजल की समस्या को लेकर गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो काफी गंभीर हैं। उक्त दोनों पंचायतों में पेयजल की भीषण समस्या है। विधायक डॉ लंबोदर महतो के प्रयास से ग्रामीणों को इस समस्या से निजात मिलेगी। कोरोना महामारी के कारण इस समस्या को दूर करने में बाधा उत्पन्न हुई है, किंतु जल्द ही ग्रामीणों को इस समस्या से निजात मिल जाएगी। उक्त बातें आजसू पार्टी के गोमिया मंडल अध्यक्ष राजकुमार यादव ने कहा। कहा कि पलीहारी गुरुडीह एवं गोमिया पंचायत के वाटसन कमेटी अपने कार्यों का निर्वहन नियमित रूप से करें, जिससे दोनों पंचायतों के ग्रामीणों को बोकारो नदी का पानी सुचारु रुप से मिल सके। इस संदर्भ में विधायक प्रतिनिधि विपिन नायक का कहना है कि गोमिया विधानसभा क्षेत्र के सभी पंचायतों में विधायक मद से पांच पांच चापाकल लगाया गया है। गोमिया प्रखंड के पलिहारी गुरुडीह एवं गोमिया पंचायत में विधायक डॉ लंबोदर महतो के अनुशंसा पर सीसीएल सीएसआर मद से पलिहारी गुरुडीह में काली मंदिर के समीप डीप बोरिंग, जयसवाल टोला में डीप बोरिंग, नारायण स्वर्णकार के घर के समीप डीप बोरिंग। वहीं गोमिया पंचायत के गंधुनिया अहरा मध्य दुर्गा मंदिर के परिसर में डीप बोरिंग, शिशु बाल मंदिर के समीप डीप बोरिंग। इसके अलावा विधायक मद से पलिहारी गुरुडीह पंचायत में मध्य विद्यालय गोमिया में डीप बोरिंग,कोठीटांड गांव में डीप बोरिंग का निर्माण किया गया है। विधायक प्रतिनिधि ने बताया कि कोनार नदी के पानी को सुनियोजित तरीके से गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो के प्रयासों से मुख्य रूप से पलिहारी गुरुडीह एवं गोमिया पंचायत के लिए नया पाइप लाइन शीघ्र लगाया जाएगा। इसके लिए डॉ लंबोदर महतो ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र प्रेषित कर इस समस्या से अवगत करा दिया गया है।मालूम हो कि गोमिया एवं पलिहारी गुरुडीह पंचायत में पेयजल की समस्या से ग्रामीण त्रस्त रहते हैं। गर्मी के दिनों में यह समस्या विकराल रूप धारण कर लेता है, महिलाएं माथे में बर्तन लेकर दूरदराज के क्षेत्रों से पेयजलापूर्ति करती है। आईईएल कंपनी का पेयजलापूर्ति वाला पाइप लाइन के नलकूप का पॉइंट गोमिया बैंक मोड़ तक लगा हुआ है। इस जगह से आसपास के पंचायतों के ग्रामीण प्रतिदिन साइकिल एवं मोटरसाइकिल से डिब्बे और बर्तन में पानी भरकर ले जाते हैं। आईएल कंपनी द्वारा सप्लाई की जाने वाली पानी काफी शुद्ध होता है, जिसके चलते ग्रामीण कतारबद्ध होकर डिब्बे व बर्तन में पानी भरकर ले जाते हैं। हालांकि पेयजल की समस्या इन इलाकों में 1960 के दशक से है,और अभी तक ग्रामीणों को पूर्ण रूप से पेयजल की समस्या से निजात नहीं मिली है।