साड़म के किडनी रोग से पीड़ित युवक की मौत से घर मे मचा कोहराम, मामले में जिला प्रशासन के संज्ञान के बावजूद नहीं बचाई जा सकी युवक की जान, नहीं मिला था किडनी डोनर
गोमिया। गोमिया प्रखंड के साड़म मड़ई टोला निवासी जगदीश प्रजापति का किडनी पीड़ित पुत्र पवन प्रजापति की मौत बीती रात हो गई। परिजनों ने पीड़ित को किसी बड़े अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराने का सपना संजोया था, परंतु इलाज से पूर्व ही पीड़ित ने घर मे दम तोड़ दिया।
मृतक पवन प्रजापति (22) के पिता जगदीश ने बताया कि पीड़ित पवन का पिछले डेढ़ साल से बोकारो, रांची, हजारीबाग व धनबाद से इलाज चल रहा था। वर्ष 2020 में 10-15 बार रांची से डायलिसिस हो चुका था। शुक्रवार को अचानक तबीयत खराब हुई। तबीयत खराब होने पर परिवार सदमे में आ गया। बताया कि करीब 11 बजे पवन ने दम तोड़ दिया।
बता दें कि उक्त मामला मीडिया में आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया जिसके बाद प्रखंड प्रशासन की ओंर से पहल करते हुए गोमिया बीडीओ कपिल कुमार ने किडनी ट्रांसप्लांट की दिशा में कार्रवाई करते हुए कई अहम दस्तावेज ऑन स्पॉट तैयार कर पीड़ित परिवार को सौपा था। बीडीओ कुमार ने बताया था कि रिम्स के स्पेशलिस्ट चिकित्सकों से मुलाकात कर इलाज का इस्टीमेट (खर्च का ब्यौरा) मांगा गया था। जिसका वहन प्रशासन की ओर से किया जाता। परंतु तत्कालीन किडनी डोनर पिता जगदीश के ब्लड ग्रुप से पीड़ित पवन का ब्लड ग्रुप मैच नहीं होने से परेशानी बढ़ गई थी और परिवार तनाव में था।
अनंत: किडनी पीड़ित 22 वर्षीय पवन की जीने की चाह अधूरी रह गई। इलाज की चल रही तैयारियों के बीच बीती रात एकाएक तबीयत बिगड़ी और दुनिया को अलविदा कह गया।
मामले में निर्धन, लाचार, मजबुर माता-पिता के अलावे स्थानीय युवाओं ने भी पवन के इलाज में बड़ी भूमिका निभाई थी। युवाओं ने पवन की जान बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी, और सहयोग राशि इकट्ठा कर इलाज में लगाया वहीं मामले को प्रशासनिक अधिकारियों तक भी पहुंचाया था।
घटना के बाद मृतक की मां कलावती देवी सहित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं परिजनों के समक्ष विकराल आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। परिजनों ने पुनः प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।