पिपरवार। चिरैयाटांड़ मंदिर प्रांगण के समिप रविवार 8 अगस्त को पिपरवार क्षेत्र के तमाम लोगों के द्वारा वीर शहीद निर्मल महतो का शहादत दिवस मनाया गया। जिसका संचालन समाजसेवी विजय महतो ने की कार्यक्रम की शुरुआत 2 मिनट का मौन धारण कर वीर शहीद निर्मल महतो की तस्वीर पर पिपरवार क्षेत्र के सभी दल के लोगो ने माल्यार्पण कर श्रृद्धांजलि अर्पित किए और उनके जीवनी पर प्रकाश डाला गया।
*पूर्व विधायक प्रत्याशी जितेंद्र कुमार राम* ने उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा झारखण्ड अलग राज्य के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले और अपने बहुमूल्य जीवन का बलिदान देने वाले झारखण्ड के सच्चे और वीर सपूत निर्मल महतो का जन्म 25 दिसंबर 1950 को हुआ था।निर्मल महतो निर्मल महतो बहुत तीक्ष्ण बुद्धि के थे आज हमलोग अपने आप को गर्व से झारखंडी कह सकते हैं।
*समाजसेवी टिकेश्वर महतो* ने कहा निर्मल महतो आंदोलन और झारखंड की बड़ी पहचान हैं। उन्होंने अपनी शहादत देकर झारखंड आंदोलन की गति तेज किया था। समस्त झारखंडवासी जानते है कि अगर निर्मल महतो नहीं होते, तो झारखंड राज्य बनने में और वक्त लगता। 8 अगस्त 1987 को जमशेदपुर में जिस समय निर्मल महतो की हत्या हुई, उस समय वे झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष थे, उम्र थी केवल 37 साल। इतनी कम उम्र में भी उन्होंने झारखंड बनने का रास्ता साफ कर दिया था।
*ऑल इंडिया एससी एसटी ओबीसी जिला अध्यक्ष सह युवा इंटक जिला महासचिव सचिन पासवान* ने कहा शहिद निर्मल महतो एक अच्छे संगठन कर्ता थे उनमें अनंत आत्मविश्वास था. वे किसी भी गलत आचरण के खिलाफ आवाज़ उठाने से नहीं डरते थे।वे आजीवन गरीबों के लिए लड़े, गरीब किसानों और मजदूरों के लिए लड़े,झारखंडियों का आत्मविश्वास और आत्मसम्मान प्रदान करने के लिए आखिरी दम तक लड़े. वे शहीद हुए, मगर अपने जीवन में ना कभी प्रलोभित हुए और ना ही किसी तरह का कोई समझौता किया. शोषित, पीड़ितों एवं ग़रीबों के साथी रहे शहिद निर्मल महतो।
*समाजसेवी नागेश्वर महतो* ने नम्र आंखों से बयां करते हुए कहा हमलोगों के सच्चे साथी शहीद निर्मल महतो जिनकी वजह से आज झारखंड एक अपना अलग राज्य बन पाया है मुझे आज भी दुख होता है कि इनके जैसा सोच का व्यक्ति इस दुनिया में नहीं है।
*समाजसेवी कृष्णा कुमार यादव* ने कहा आज के जमाना टेक्नोलॉजी का जमाना है लेकिन उस जमाने में मोबाइल फोन नहीं था फिर भी इन्होंने लोगों को संगठित किया और झारखंड राज्य को अलग करने के लिए अहम योगदान दिए और झारखंड राज्य को अलग किया।मौके पर टिकेश्वर महतो,विजय महतो, गब्बर उर्फ प्रीतम महतो,राम सिंह रामाकांत सर,प्राची कुमारी,रानी कुमारी,लक्ष्मी कुमारी,विकास कुमार, राहुल कुमार,राजू कुमार, देवनाथ महतो,दामोदर महतो,तुलसी महतो, अर्जुन महतो,हेमनाथ महतो,अमर महतो,नागो महतो,हीरालाल महतो, उगन महतो, मुंशी महतो, राजेश महतो,सहित कई लोग उपस्थित थे