गढ़वा : कोरोना माहामारी से ग्रामीण जनता त्रस्त है। ना ही उन लोगों के पास कोई रोजगार है ना ही विकल्प। वे किसी प्रकार अपनी जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन बिजली विभाग के जेई कमल कुमार ग्रामीणों के बिजली काटने का निर्देश देकर मिस्त्री को गांव-गांव भेज रहे हैं। बिजली मिस्त्री अपने पदाधिकारी के निर्देशों का पालन करते हुए लाईन काटने का मजबूर हैं, लेकिन मिस्त्री को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ रहा है। बिजली विभाग के इस रवैये से ग्रामीणों में काफी आक्रोश एवं भय देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के द्वारा पिछले कई महीनों से बिल नहीं भेजा जा रहा है। जिसके कारण ग्रामीणों को यह पता नहीं चल पा रहा है कि बिल कितनी है।
साथ ही कोविड माहामारी के कारण ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी काफी दयनीय है। ग्रामीणों ने जेई से बिल नहीं आने के बारे में मौखिक रूप से शिकायत किया तो जेई कमल कुमार कहते हैं कि आप लोगों की यह जबाबदेही नहीं बनती है कि अपने बिल के बारे में पता करें।
मतलब साफ है कि विभाग अपनी नाकामी को छुपाने के लिए ग्रामीणों पर थोप रही है। ग्रामीणों ने बिल जमा करने के लिए जेई से एक सप्ताह का मोहलत मांगा तो जेई कहते हैं कि पहले लाईन काटा जाएगा जब आप बिल चुका देंगे तो लाईन जोड़ दिया जाएगा। ग्रामीणों के पास यह मजबूरी है कि खेती बारी का समय होने के कारण एक सप्ताह में उनका खेती चौपट हो जाएगी। जिससे उनके परिवार के सामने भुखमरी की नौबत आ जाएगी।
एक तरफ सरकार लोगों को राशन एवं रोजगार मुहैया कराने की प्रयास कर रही है, तो दूसरी तरफ बिजली विभाग के पदाधिकारी लोगों को परेशान कर रहे हैं। इसमें भोली भाली ग्रामीण जनता आखिर करे तो क्या करे।
इस संबंध में बिजली विभाग के एसडीओ रामाशीष प्रजापति से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग ससमय बिल जमा करें। ताकि निर्बाध रूप से बिजली उपलब्ध कराया जा सके।