गढ़वा : विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होते ही थोक के भाव में काउंटिंग सेंटर खुल गए। इस तरह के सेंटर चौक चौराहा, ओटा, ओसारा, चाय दुकान, पान दुकान, बस पड़ाव, रेलवे स्टेशन, बाजार, अस्पताल, कार्यालय, कचहरी आदि सभी सार्वजनिक स्थानों पर काम करने लगे हैं।
इन काउंटिंग सेंटर्स पर जिला के तमाम विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशी बारी बारी से जीत हासिल कर रहे हैं। वह कैसे जीत हासिल कर रहे हैं इसका प्रमाण भी इन प्राइवेट काउंटिंग स्टाफ के द्वारा दिया जाता है। कौन किस मतदान केंद्र पर कितने वोट से आगे है यह भी बताया जा रहा है। साथ ही किस प्रखंड क्षेत्र से कौन कितने वोटों से लीड कर रहा है इसका भी पुख्ता प्रमाण दिया जा रहा है।
कुल मिलाकर विधानसभा क्षेत्र से किसकी जीत हो रही है लगे हाथ इसका भी दावा किया जा रहा है। ताकि चुनाव के दरम्यान शुरू ठंडा गरम काउंटिंग तक चलता रहे।
इतना ही नहीं महाभारत के संजय जैसी दिव्य दृष्टिधारी यह काउंटिंग स्टाफ बकायादे झारखंड में सरकार का गठन एवं मंत्रियों का शपथ ग्रहण भी करा रहे हैं। जबकि काउंटिंग सेंटर पर बैठे अन्य लोग इसकी भी समीक्षा करते नजर आ रहे हैं कि अमुक सरकार कौन सा काम करेगी और कौन सा काम नहीं करेगी। जिसका नतीजा होगा कि उनको अगले चुनाव में एंटी इन्कमबेंसी फैक्टर का सामना करना पड़ेगा। जिसका नतीजा होगा कि उसके प्रत्याशी चुनाव में जीत नहीं पाएंगे। इस चुनाव के परिणाम, सरकार का गठन, उसके कार्यकलाप, क्षेत्र में नेता का परफॉर्मेंस और अगले चुनाव में उनका परिणाम तक बताने वाले ऐसे विलक्षण काउंटिंग सेंटर गांव या शहर के प्रत्येक 10 - 20 गज पर काम करते दिखाई दे रहे हैं।
यह बात अलग है कि 23 नवंबर के सुबह के 2 घंटे बाद तक यह सेंटर काम करेंगे।
जैसे ही सरकारी काउंटिंग सेंटर से रुझान आना शुरू होगा यह प्राइवेट काउंटिंग सेंटर के काम शिथिल पड़ते जाएंगे। दोपहर होते तक जैसे ही परिणाम की घोषणा शुरू हो जाएगी इन सेंटर्स के प्रगणक अपने भिन्न-भिन्न खेमे को छोड़कर जीतने वाले के खेमा में शामिल हो जाएंगे। और जीतने वाले के साथ महीनों पसीना बहाने वाले कार्यकर्ताओं से अधिक तेज आवाज में जिंदाबाद का नारा लगाएंगे। विजेता को आगे बढ़कर अबीर गुलाल लगाते हुए अपनी पहचान उजागर करेंगे। तब लड़ रहे प्रत्याशियों में से एक प्रत्याशी जीत जाएगा और शेष प्रत्याशी अपनी जमानत राशि की बाबत तहकीकात करते नजर आएंगे बची तो ठीक वरना मन मारकर घर जाने के सिवा उनके पास कोई रास्ता शेष नहीं बचेगा।