गढ़वा जिला क्रिकेट संघ के सचिव विवाद पर उच्च न्यायालय का आदेश, निबंधन महानिरीक्षक को चार हफ्ते में निष्पादन का निर्देश
गढ़वा : गढ़वा जिला क्रिकेट संघ की पुरानी निर्वाचित कमिटी की मान्यता समाप्त करने और सचिव पंकज चौधरी को हटाकर गैर सदस्य को सचिव मनोनीत करने के झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) के फैसले पर झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने कड़ी आपत्ति जताई है। न्यायालय ने इस मामले में निबंधन महानिरीक्षक, झारखंड सरकार को चार हफ्ते के भीतर निष्पादन का निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप :
झारखंड उच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर 13 में चल रहे मामले W.P(C)/7147/2023 (Pankaj Chaudhary vs. The State of Jharkhand and Others) पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने यह आदेश दिया।
यह मामला 4 दिसंबर 2021 के आदेश पर आधारित है, जब तत्कालीन सचिव और वर्तमान अध्यक्ष संजय सहाय ने एक पत्र लिखकर निर्वाचित सचिव पंकज चौधरी को उनके पद से हटा दिया था।
जेएससीए का विवादास्पद निर्णय :
संजय सहाय द्वारा जारी आदेश के बाद, JSCA ने राघवेंद्र प्रताप सिंह को गढ़वा जिला क्रिकेट संघ का नया सचिव मनोनीत किया, जबकि वे संघ के सदस्य भी नहीं थे। राघवेंद्र प्रताप सिंह ने इसके बाद पूरी जिला क्रिकेट संघ की कमिटी को हटाकर अपनी पसंद के लोगों को पदाधिकारी बना दिया। इसके अलावा, उन्होंने संघ का बैंक खाता और पता भी अपने घर का कर दिया, जिससे संघ की वित्तीय स्थिति भी उनके नियंत्रण में आ गई।
मामले पर विवाद और कानूनी लड़ाई :
पंकज चौधरी के अनुसार, उन्हें 3 साल से कार्य करने से रोका जा रहा है, जबकि JSCA की मैनेजिंग कमिटी ने अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
इस मामले को लेकर पिछले साल 26 अगस्त 2023 को JSCA की एजीएम बैठक में भी जोरदार चर्चा हुई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अंततः, न्याय न मिलते देख पंकज चौधरी ने उच्च न्यायालय का रुख किया।
निबंधन महानिरीक्षक को निर्देश :
न्यायालय ने निबंधन महानिरीक्षक, झारखंड सरकार को चार हफ्ते के भीतर इस मामले का निष्पादन करने का आदेश दिया है। यदि निर्धारित समय सीमा में कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तो याचिकाकर्ता पंकज चौधरी को फिर से न्यायालय में अपील करने की अनुमति दी गई है।
अधिवक्ताओं की पैरवी :
याचिकाकर्ता पंकज चौधरी की ओर से अधिवक्ता सौरभ शेखर, अमन दयाल सिंह और अनुराग कुमार ने उच्च न्यायालय में पक्ष रखा। 19 सितंबर 2024 को, निबंधन महानिरीक्षक, झारखंड सरकार के कार्यालय में इस आदेश की प्रति के साथ एक नई अपील भी जमा की गई है।
माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए अब देखना है कि निबंधन महानिरीक्षक इस मामले का निष्पादन किस तरह करते हैं।