मझिआंव : मनरेगा राज्य यूनियन संघ के बैनर तले राज्य व्यापी हड़ताल में प्रखंड के सभी 11 मनरेगा कर्मियों के पिछले 52 दिनों से हड़ताल पर जाने से प्रखंड क्षेत्र के लगभग 9 हजार 500 मनरेगा मजदूर बेरोजगार हो गए हैं, और लगभग एक हजार कार्य बाधित है। बताते चलें कि मनरेगा यूनियन संघ के बैनर तले मनरेगा कर्मी 16 से 18 जुलाई तक सांकेतिक कलमबंद किया। उसके बाद मुहर्रम का रविवारीय छुट्टी रहा। इसके बाद मनरेगा कर्मी पुनः 22 जुलाई से हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे प्रखंड क्षेत्र में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित हजारों योजना लंबित है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में 9 हजार 500 के लगभग मनरेगा मजदूर बेरोजगार हैं। प्रखंड क्षेत्र के पुरहे पंचायत में सन् 2023-24 का 103 एवं 2024-25 का 38, टड़हे पंचायत में 2023-24 का 55 एवं 2024-25 का 38,सोनपुरवा पंचायत में 2023-24 का 61 एवं 2024-25 का 27, रामपुर पंचायत में 2023-24 का 122 एवं 2024-25 का 83,मोरबे पंचायत में 2023-24 का 118 एवं 2024-25 का 45, बोदरा पंचायत में 2023-24 का 62 एवं 2024-25 का 35, खरसोता पंचायत में 2023-24 का 61 एवं 2024-25 का 40, करमडीह पंचायत में 2023-24 का 37 एवं 2024-25 का 30 और तलसबरिया पंचायत में 2023-24 का 27 एवं 2024-25 का 17 मनरेगा कार्य चल रहा था जो बाधित है।
इस तरह से लगभग 1000 कार्य बाधित है और मजदूर दो वक्त की रोटी और परिवार को लालन-पालन के लिए पलायन करने पर मजबूर हैं। इन लंबित योजनाओं में जैसे बिरसा हरित बागवानी, बिरसा सिंचाई कुप, डोभा निर्माण कार्य एवं मेढ़बन्दी जैसे कार्य कार्य शामिल है। वहीं झारखंड सरकार की महत्वपूर्ण योजना बिरसा रहित बागवानी योजना भी पुरी तरह बाधित है। इसके साथ प्रखंड क्षेत्र के किसान जिन्होंने बिरसा सिंचाई कुप निर्माण कार्य, मेढ़बन्दी जैसे कार्यों में भुगतान नहीं होने से काफी प्रभावित हैं। मझिआंव प्रखंड में कार्यरत ग्राम रोजगार सेवक 8, जेई 1, सहायक लिपिक एक एवं सहायक ऑपरेटर एक हड़ताल पर हैं।