- सावित्रीबाई फुले जैसी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं और कार्य होंगे प्रभावित
गढ़वा : समाहरणालय संवर्ग के लिपिकों की हड़ताल अभी समाप्त ही हुई है कि अब बाल विकास परियोजना के लिपिक भी हड़ताल में जाने की तैयारी में हैं। बाल विकास अंतर्गत कार्यरत लिपिक भी अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए काला बिल्ला लगाकर अपने कार्यालय कार्यों का निष्पादन कर रहे है। उन्होंने हड़ताल पर जाने की भी चेतावनी दी है।
जिला समाज कल्याण कार्यालय, गढ़वा में कार्यरत सभी तीनों लिपिक प्रभात लकड़ा सुदीप परिया और मनोज कुमार को काला बिल्ला लगाकर कार्य करते हुए देखा गया। शनिवार को कर्मी प्रथम पाली में कलमबंद हड़ताल पर रहे। संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि हमारे संघ द्वारा विगत कुछ वर्षों से आईसीडीएस लिपको के लिए पूर्व की नियमावली 2006 को संशोधित करते हुए प्रोन्नति देने के लिए बार-बार पत्र के माध्यम से अनुरोध किया जाता रहा है।
परंतु इस संदर्भ में अब तक विभाग के तरफ से कोई पहल नहीं किया गया है।
सुदीप परहिया ने बताया कि झारखंड राज्य गठन के बाद से न तो आईसीडीएस में लिपिको की नियुक्ति की गई है और न ही हमलोगों को प्रोन्नति दी जा रही है। हमारी प्रमुख मांगों में न्यूनतम वेतनमान 1900 से बढ़कर 2400 ग्रेड पे करना, 2 वर्षों के उपरांत सेवा संपुष्टि तथा नियमित पदोन्नति प्रदान करना आईसीडीएस के लिपिक के लिए एक स्पष्ट नियमावली तथा सीमित परीक्षा के माध्यम से हम सभी लिपिकों को सीडीपीओ के पद पर पदोन्नति के लिए पद आरक्षित करने के लिए अनुरोध किया गया है। इन्होंने बताया कि हमारी मांग पूरा नहीं होने पर एक सितंबर से आंदोलनरत सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।
समाज कल्याण कार्यालय गढ़वा में कार्यरत लिपिकों को हड़ताल में चले जाने से विभाग द्वारा संचालित स्कूली लड़कियों के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्य प्रभावित हो सकते हैं।