गढ़वा : राजकीयकृत रामासाहू उच्च विद्यालय गढ़वा के शिक्षकों के द्वारा लॉकडौन की अवधि में सोशल डिस्टेशिंग का पालन करते हुए विद्यालय के पोषक क्षेत्रों में जाकर(ग्राम-जोबरैया) के छात्र एवं छात्राओं को शिक्षा देने काम किया है।
यह जानकारी देते हुए विद्यालय के विज्ञान शिक्षक-सह-जिलाध्यक्ष झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ गढ़वा सुशील कुमार ने बताया कि झारखंड राज्य में मार्च माह से ही वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लॉकडौन हुआ था, जिसमें सभी शैक्षणिक संस्थान बन्द कर दिये गए थे।
परन्तु, विभागीय आदेशानुसार सभी विद्यालयों को गैर शैक्षणिक कार्य सम्पादित करने हेतु खोलने का आदेश एवं सभी शिक्षकों को रोस्टरवार विद्यालय आने का आदेश जारी किया गया था।
सभी शिक्षकों के द्वारा विभागीय आदेश का अनुपालन अभी भी किया जा रहा है।परन्तु मेरे मन में विचार आया कि क्यों नहीं विद्यालय में नामांकित बच्चों के गाँव/टोले में जाकर मुख्य विषय विज्ञान एवं गणित को पढ़ाया जाए।तब हमने गणित शिक्षक को भी अपनी योजना को बताया और वे तैयार हो गए।ततपश्चात हमने प्रधानाध्यापक आशुतोष झा से अनुमति लेकर हमदोनों शिक्षक जोबरैया गाँव गये एवं सभी बच्चों से सम्पर्क स्थापित कर लगभग 10-15बच्चों को अभिभावकों की देखरेख में उनके बीच शैक्षणिक कार्य प्रारंभ किया।
इस अनूठी पहल से सभी बच्चों में एवं उनके अभिभावकों में उत्साह देखा गया।दोनों शिक्षकों ने बारी-बारी से एक-एक घण्टा विज्ञान (सुशील कुमार)एवं गणित(सत्येंद्र राम) पढ़ाया।
गणित शिक्षक सत्येंद्र राम ने बताया कि बच्चों की हार्दिक इच्छा पर सप्ताह में तीन दिन गाँव जाकर और शेष बच्चों को पढ़ाने की बात कही।वहीं विज्ञान शिक्षक-सह-जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने जिले के सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि आपसभी अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में जाकर यथासंभव बच्चों को मुख्य विषय विज्ञान एवं गणित विषय का अध्यापन करने का कार्य अवश्य करें ताकि वार्षिक माध्यमिक परीक्षा का परिणाम इस लोकडाउन की अवधि में भी कुछ सुधार हो सके एवं जिले के बच्चे लाभान्वित हो सकें।
अध्ययन करने वाले बच्चों में मुर्शिद अंसारी,पवन कुमार, चन्दन कुमार, सुधांशु कुमार, सूरज कुमार,रंजन कुमार गुप्ता, राजकीयकृत बालिका उच्च विद्यालय गढ़वा की छात्राएं एवं निजी विद्यालय में पढ़ने वाले कुछ बच्चे शामिल थे।