गढ़वा :
आज झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में बजट पेश किया।
बजट को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है दी है पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (NMOPS) जिला इकाई गढ़वा के जिला संयोजक सुशील कुमार का कहना है कि सरकार के इस तीसरे बजट से कर्मचारियों को काफी उम्मीदें थी इसी के तहत हम सब ने बजट सत्र से पूर्व मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की तथा राजस्थान सरकार की भांति बजट सत्र में ही पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करने का अपील किया था।
मुख्यमंत्री जी के द्वारा सकारात्मक आश्वासन देते हुए यह कहा गया कि हम आपके मुद्दे और अपने घोषणापत्र को लेकर गंभीर हैं शीघ्र ही इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेंगे ।
परंतु बजट को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान सरकार ने कर्मचारियों के इस अति महत्वपूर्ण माँग का अनदेखा किया है।
बजट सत्र में ही मुख्यमंत्री जी के द्वारा विधायक गण के पुरानी पेंशन बहाली के प्रश्नों पर दिया गया उत्तर भी बेहद निराशाजनक है एक सत्तारूढ़ दल अपने घोषणापत्र के प्रमुख विषय को लेकर यह टिप्पणी किया जाना कि आकलन के उपरांत हम विचार करेंगे बेहद निराश करने वाला है राज्य के समस्त पेंशन विहीन कर्मचारी माननीय मुख्यमंत्री जी से यह जानना चाहते हैं के *क्या उन्होंने इस मुद्दे को अपने घोषणापत्र में बिना किसी आकलन के ही शामिल कर लिया था
और यदि आकलन करना ही था तो सरकार गठन के उपरांत लगभग ढाई वर्षो तक आकलन क्यों नहीं किया गया,हम मानते हैं कि झारखंड सरकार के वर्तमान मुख्यमंत्री जन सरोकार से जुड़े हुए मुद्दे को लेकर संवेदनशील रहते हैं परंतु विधानसभा में उनके बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि यह उनका बयान नहीं बल के सरकार के ऐसे अधिकारियों के द्वारा तैयार किया गया जवाब है जो स्वयं पुरानी पेंशन का उपभोग कर रहे हैं।
संगठन के सह संयोजक बादल पासवान ने कहा कि कर्मचारी मुख्यमंत्री के आश्वासन पर अनंत काल तक इंतजार नहीं कर सकते मुख्यमंत्री जी ने शिष्टमंडल के समक्ष कहा था कि आप किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन ना करें आप सरकारी कार्यों में सहयोग करें, हम आपके मुद्दे को लेकर गंभीर हैं।हम सब उनका मान रखते हुए सरकार गठन के उपरांत से अभी तक किसी प्रकार के प्रदर्शन नहीं किए हैं परंतु विभागीय पदाधिकारियों का नकारात्मक रवैया कर्मचारियों को आंदोलन करने के लिए बाध्य कर रहा है।
संगठन के जिला कोषाध्य्क्ष राजीव मिश्रा ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली से सरकार पर किसी भी प्रकार का वित्तीय भार नहीं आने वाला है।बल्कि एनपीएस के तहत सरकार के 14% तथा कर्मचारियों के 10% योगदान को राज्य के लोगों के कल्याण में खर्च किया जा सकता है।