गढ़वा : बुधवार को अनुमंडल कार्यालय सभागार में आयोजित "कॉफी विद एसडीएम" कार्यक्रम में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के परिजनों ने अपनी समस्याएं और सुझाव रखे। कार्यक्रम में अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) संजय कुमार ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। इसमें गढ़वा जिले के सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. हरेन चंद्र महतो और अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारी भी शामिल हुए।
अभिभावकों की मुख्य मांगें और सुझाव
1. रक्त की उपलब्धता की प्रक्रिया का सरलीकरण:
परिजनों ने रक्तदान की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने की मांग की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रक्त पाने के लिए कई औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं, जिससे बच्चों को खून मिलने में देरी होती है।
2. ब्लड बैंक में बेहतर सुविधा:
ब्लड बैंक काउंसलर के व्यवहार को लेकर शिकायतें सामने आईं। परिजनों ने कहा कि काउंसलर सही जानकारी नहीं देते और अभद्र व्यवहार करते हैं। एसडीओ ने सिविल सर्जन को काउंसलर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
3. थैलेसीमिया डे केयर सेंटर और कार्ड:
बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सदर अस्पताल में थैलेसीमिया डे केयर सेंटर और थैलेसीमिया कार्ड जारी करने की घोषणा की गई।
4. सूचना प्रणाली में सुधार:
रक्त की उपलब्धता की जानकारी ब्लड बैंक के बाहर सूचना पट पर ब्लड ग्रुप के अनुसार प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया।
अभिभावकों की पीड़ा ने किया भावुक
अभिभावकों ने अपनी व्यक्तिगत समस्याएं भी साझा कीं। बघमार निवासी कुलदीप पाल ने बताया कि उनकी छह संतानों का निधन थैलेसीमिया के कारण हो चुका है, और अब उनकी आखिरी बेटी भी इस बीमारी से जूझ रही है। वहीं शीला देवी ने अपने दोनों बच्चों की बीमारी और पति के शराब की लत से उत्पन्न कष्टों का जिक्र किया। इन अनुभवों ने कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों को भावुक कर दिया।
रक्तदान से जुड़ी संस्थाओं से अपील
एसडीओ ने रक्तदान से जुड़ी संस्थाओं और स्वैच्छिक रक्तदाताओं से अपील की कि वे थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को रक्तदान के लिए गोद लेने के लिए आगे आएं।
"कॉफी विद एसडीएम" पहल की सराहना
कार्यक्रम में शामिल अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब उनकी समस्याओं को इतनी गंभीरता से सुना गया और समाधान के लिए पहल की गई।
यह संवाद कार्यक्रम न केवल थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों की समस्याओं को उजागर करने में सफल रहा, बल्कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक समाधान की दिशा में कदम उठाने का भी आश्वासन दिया गया।