गढ़वा : शनिवार को उपायुक्त गढ़वा शेखर जमुआर की अध्यक्षता में हिंदी दिवस पर समाहरणालय के सभाकक्ष में संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय, जिला शिक्षा अधीक्षक -सह- अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, बीईईओ रंभा चौबे, समेत अन्य पदाधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षकगण तथा विद्यार्थीगण उपस्थित हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त समेत अन्य मंचासीन पदाधिकारियों द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया तथा उपायुक्त श्री जमुआर व पुलिस अधीक्षक श्री पांडेय को बुके देकर स्वागत किया गया। उपस्थित विभिन्न शिक्षकों द्वारा हिंदी दिवस के मौके पर संगोष्ठी में आए सभी लोगों का स्वागत करते हुए हिंदी दिवस मनाने को लेकर इसकी विशेष जानकारी दी गई।
बताया कि प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह वह दिन है जिस दिन भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को हमारी आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। काफी संघर्ष के बाद हिंदी को हमारे देश की राजभाषा घोषित किया गया।
हिंदी दिवस के मौके पर इसके संबंध में अपने-अपने वक्तव्य में कहा गया कि 14 सितंबर को पूरे विश्व में हिंदी दिवस के रूप में चिन्हित किया गया है। यह हमारी मातृभाषा है। हिंदी भाषा का प्रसार न सिर्फ भारत देश में बल्कि पूरे विश्व में हुआ है। आज के दौर में विश्व के बड़े-बड़े नेता भी हिंदी में बात करते हैं, जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हो रही है। उन्होंने कहा कि हिंदी एक सरल एवं विशाल भाषा है, जिसमें अरबी, उर्दू, फारसी, तुर्की, जापानी, अंग्रेजी, रशियन, चाइनीस, पुर्तगाली आदि कई भाषाओं के शब्दों का समावेश मिलता है।
हिंदी को वैश्विक पटल पर और ज्यादा प्रचारित प्रसारित करने के लिए हिंदी भाषा के बोलचाल में शुद्धता बरतते हुए इसके प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है।
इसके पश्चात उपायुक्त श्री जमुआर द्वारा हिंदी दिवस के मौके पर कहा गया कि जिस प्रकार हम सब अपने-अपने विरासतों एवं संस्कृति को बचाकर रखना चाहते हैं, ठीक उसी प्रकार हमें अपने मातृभाषा हिंदी को भी संयोजित करने की आवश्यकता है। उपस्थित लोगों से हिंदी भाषा का व्यापक प्रचार प्रचार करने एवं अधिक से अधिक इसे बोलचाल के समय प्रयोग में लाने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा प्राचीन काल से बोले जाने वाली भाषा है, जो पूर्व से लेकर आज तक समय अनुसार अपना अन्य भाषाओं के शब्दों को भी अपने में मिलाकर कुछ स्वरूप परिवर्तन करती है परंतु इसका मूल रूप बना रहता है।
संविधान सभा द्वारा 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया। हिंदी भाषा के माध्यम से हम अपने भावनाओं, विचारों और भारतीय संस्कृति को समर्थन और सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा के रूप में हमारे दिलों में बसी हुई है और यह एकता और एकत्रितता की भावना को प्रकट करती है। हिंदी भाषा को हमारी भाषा की गरिमा का प्रतीक माना जाता है और हिंदी दिवस हमें इस महत्वपूर्ण भाषा के महत्व को समझाने और मानने का मौका देता है। चूंकि यह हमारी मातृभाषा है। अतः हिंदी के बोलचाल में शर्म की नहीं बल्कि गर्व की अनुभूति होती है।
मौके पर उपस्थित विभिन्न शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा भी हिंदी दिवस के मौके पर अपने अपने वक्तव्य रखे गयें, जिसमें हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार करने तथा हिंदी भाषा का प्रयोग करने की बात कही गई एवं हिंदी भाषा की विशेषता पर प्रकाश डाला गया।
इस दौरान समारोह में उपस्थित लोगों द्वारा एक से बढ़कर एक शेरों शायरी व स्वयं रचित कविताएं भी सुनाई गईं। हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी भाषा की महत्ता व विशेषता के बारे में बताने को कस्तूरबा गांधी विद्यालय गढ़वा की छात्राओं द्वारा मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। पुलिस अधीक्षक एवं जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा भी हिंदी दिवस के मौके पर उपस्थित लोगों का स्वागत किया गया एवं अधिक से अधिक बोलचाल व लेखनी में हिंदी भाषा का प्रयोग करने की अपील की गई।