गढ़वा : गढ़वा सदर अस्पताल की अव्यवस्थाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं, जिसके चलते बुधवार को एक बार फिर मरीजों के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी ड्यूटी पर चिकित्सक के अनुपस्थित रहने के कारण मरीजों का सही समय पर इलाज नहीं हो पा रहा है। पिछले एक महीने से अस्पताल की स्थिति बेहद खराब है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार को एक मरीज को तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार के बाद भी इमरजेंसी में कोई चिकित्सक देखने नहीं आया। मरीज के परिजनों ने बताया कि ओपीडी में चिकित्सक ने जांच के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन रिपोर्ट लेकर लौटने तक चिकित्सक जा चुके थे। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि इमरजेंसी ड्यूटी में चिकित्सक उपलब्ध होंगे, लेकिन वहां भी कोई मौजूद नहीं था।
इसी बीच सड़क दुर्घटना का एक मरीज और एक अन्य युवती, जिसे जहरीले जंतु ने काटा था, इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, लेकिन उन्हें भी चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, मरीज के परिजनों ने जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव को सूचित किया। यादव ने तत्काल सिविल सर्जन और अस्पताल उपाधीक्षक को फोन कर स्थिति से अवगत कराया। अस्पताल पहुंचने पर उपाध्यक्ष ने चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई और सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण मांगा।
उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को आवेदन लिखकर इस लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह समस्या सिर्फ गढ़वा सदर अस्पताल तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जिले के अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी और दवाओं की अनुपलब्धता जैसी समस्याएं भी लगातार बनी हुई हैं।
इस संबंध में, सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि इमरजेंसी ओपीडी में चिकित्सक रवि कुमार की ड्यूटी थी, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण उन्हें शो कॉज नोटिस जारी किया जाएगा और उनका वेतन रोक दिया गया है। अगर वे अगले एक महीने तक नियमित रूप से अपनी ड्यूटी करेंगे, तो उनका वेतन पुनः चालू किया जाएगा।