भवनाथपुर : सेल की नगरी भवनाथपुर टाउनशिप स्थित सरस्वती शिशु विद्या में शनिवार को दादा-दादी नाना नानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। सम्मान समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के विद्वान संस्कृत शिक्षक अभिषेक मिश्रा की शंखध्वनि के बीच मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सेवानिवृत प्रधानाध्यापक हरि शरण रावत, विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार सीताराम पाठक, सचिव अरविन्द प्रताप सिंह सेंगर, सदस्य धर्मजीत पासवान और प्रधानाचार्य शिव बालक प्रसाद सिंह ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती और भारत माता के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गान के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर श्री रावत ने उपस्थित दादा दादी और नाना नानी सहित अन्य लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि घर में दादा सहित अन्य बुजुर्ग लोग छाया का काम करते हैं। वह जीवन भर की सारी कमाई अपने बच्चों के भविष्य निर्माण पर खर्च कर देते हैं। परन्तु जब वे लचार होकर बुढ़ापे में घर बैठ जाते हैं तो उन्हें घर के परिवार के लोगों का सम्मान के बजाय तिरस्कार मिलता है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि संयुक्त परिवार का टूट जाना और एकल परिवार की संख्या में बढ़ोतरी होना। उन्होंने कहा कि इन दिनों देश में पाश्चात्य सभ्यता हावी होती जा रही है और भारतीय संस्कृति में गिरावट देखी जा रही है।
समिति के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार सीताराम पाठक ने कहा कि अन्य विद्यालय केवल शिक्षा प्रदान करते हैं जबकि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी देता है।
श्री पाठक ने कहा कि बच्चों में संस्कार देना शिक्षकों और अभिभावकों का संयुक्त दायित्व है। सचिव अरविन्द प्रताप सिंह सेंगर ने कहा कि दादा दादी और नाना नानी को विद्यालय की ओर से सम्मानित करना गौरव की बात है क्योंकि भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य सभ्यता हावी हो रही है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आचार्या सुनीता जी ने इस आयोजन के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि घर के बुजुर्ग घर में वट वृक्ष के समान होते हैं। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत एकांकी में एक दादी के रूठने और उसको घर के बच्चों द्वारा गीत गाकर मनाने की प्रस्तुति बहुत ही सराहनीय रही। अंकिता मिश्रा ने चरित्र निर्माण पर बहुत ही अच्छे गीत की प्रस्तुति दी।
दादी अभिभावक मधुबाला देवी, नंदकिशोर सिंह और गुलाबचंद मेहता ने भी अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए विद्यालय की व्यवस्था पर प्रसन्नता व्यक्त की और विद्यालय प्रधान को धन्यवाद दिया।
अभिभावक नंदकिशोर सिंह ने भोजपुरी गीत के माध्यम से कहा कि जब तक गंगा जमुना में रहे पानी, दादी नानी रहे अहिवात कहकर अपने उद्गार को व्यक्त किया। आचार्य अभिषेक मिश्रा तथा अन्य आचार्याओं के निर्देशन में भैया बहनों ने उपस्थित अपने दादा दादी और नाना नानी के पैर पखार कर आरती किया। समारोह का उद्घोषन आरुषि और मानसी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य शिव बालक प्रसाद सिंह ने किया।