बंशीधर नगर :
लघु सिंचाई विभाग के मैदान में रविवार को श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र जी के अनुयायियों द्वारा श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र जी का 136 वां जन्म महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया .कार्यक्रम का शुभारंभ प्रत्यूष बेला में शहनाई वादन से किया गया .
इसके बाद उषा कीर्तन मंडली द्वारा उत्सव स्थल से प्रभातफेरी प्रारंभ होकर मुख्य पथ से होते हुए स्टेशन रोड, हनुमान मोड ,जंगीपुर ग्राम का भ्रमण करते हुए उत्सव स्थल पहुंचा. इसके बाद प्रातः कालीन सामूहिक प्रार्थना ,समवेत नाम जप ,सत्यानु शरण,नारी नीति, अनुश्रुति ग्रंथ,शाश्वती ग्रंथ का पाठ किया गया.धृतिसुन्दर लाल व अन्य सत्संगी वृन्द द्वारा भक्ति मूलक भजन प्रस्तुत किया गया.
:--श्री श्री ठाकुर अनुकूलचन्द्र जी के 136 वां जन्म महोत्सव पर प्रातः 10:00 बजे बाबा बंशीधर मंदिर के प्रांगण से भव्य शोभा यात्रा निकली गई.शोभायात्रा मुख्य पथ से होते हैं उत्सव स्थल पहुंचकर सम्पन्न हुआ.शोभायात्रा में पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिला का बैंड पार्टी आकर्षण का मुख्य केंद्र था .शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में सत्संगी जय राधे-राधे, हरे राम हरे कृष्णा ,हरी हरि बोल उद्घोष के साथ शोभा यात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे .
:--उत्सव स्थल पर बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था .जिसमें बच्चों द्वारा अनेक भजन, श्री श्री ठाकुर जी की वाणियो को प्रस्तुत किया गया. बच्चों द्वारा आकर्षक नाटक भी प्रस्तुत किया गया ,जिसमें जागृति ,संजय ,आर्यन, नैंसी, आकांक्षा की प्रमुख भूमिका थी.
:-- उत्सव स्थल पर मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें सुदक्षिणा, माला देवी ,सतवंती देवी ,नैना ,शुक्ला माँ,फुलवंती मां ने भजन प्रस्तुत किया .इस अवसर पर अनीता देवी ने कहा कि दोष का अनादर करना चाहिए दोषी का नहीं .डॉ सोनम ने कहा कि नारी को अपने मुख्य कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए .अपने गुरु के प्रति समर्पित भाव से उनके बताएं मार्ग पर चलना चाहिये. गीता देवी ने नारी के आठ वैशिष्टियों का वर्णन किया. सुनीता देवी ने नारी की समाज परिवार में भूमिका का वर्णन किया .उन्होंने कहा नारी ही हर घर परिवार तथा समाज को अच्छे पथ पर लेकर चलती है. नारी से ही घर स्वर्ग बन जाता है .
:--उत्सव स्थल पर मातृ सम्मेलन के बाद साधारण सभा का आयोजन किया गया.साधारण सभा मे के के मल्लिक दा ने श्री श्री ठाकुर जी के जीवनी का वर्णन किया .महेंद्र ठाकुर ने कहा कि श्री श्री ठाकुर जी का दीक्षा ग्रहण कर अपने जीवन को कृतार्थ करना चाहिए .घर परिवार को ठीक कर समाज को सुसंगठित कर सकते हैं .श्रद्धा और विश्वास के साथ मनुष्य के द्वारा किया गया पूजा सार्थक होता है .पूजा के लिए श्री श्री ठाकुर जी के द्वारा दिया गया सतनाम से ही पूजा करने में मन लगता है. सतनाम ही मनुष्य को अच्छे पथ पर ले जाता है .अनाथ मंडल द्वारा कहा गया कि अपने बचते हुए दूसरों को बचाना ही धर्म है .यजन,याजन, इष्टभृति व सतनाम करने से मनुष्य का जीवन सुरक्षित रह सकता है. ऋत्विक अनिल सिंह ने कहा कि विश्वास से ही सब कुछ प्राप्त हो सकता है .दृढ़ विश्वास से ही सिद्धि प्राप्त हो सकती है. परमपिता पर विश्वास कर अपने जीवन को सार्थक करना चाहिए. सुख-दुख में भी सतनाम करना चाहिए. कुलदीप मिश्रा ने भी इष्ट चर्चा किया .साधारण सभा का संचालन ऋत्विक धर्मेंद्र नारायण ने किया. जबकि मातृ सम्मेलन का संचालन अनिता देवी ने किया. संध्याकालीन विनती प्रार्थना, सत्यानु शरण,नारी नीति ग्रंथ सहित विभिन्न ग्रंथो का पाठ किया गया.संगीतांजली
कार्यक्रम में सत्संगी वृन्द द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया .
:-उत्सव स्थल पर निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया.डॉ कृतिसुन्दर लाल,डॉ सोनिका सोनल,डॉ रवीश,डॉ सत्व दा द्वारा मुफ्त इलाज किया गया व दवा उपलब्ध कराया गया.
कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भंडारा में महाप्रसाद ग्रहण किया. कार्यक्रम में ऋत्विक विजय नंदन सिन्हा, अखिलेश प्रसाद ,ब्रजेश तिवारी ,प्रमोद तिवारी ,कृति सुंदरलाल ,बैजनाथ प्रसाद ,अजय दा, डॉ रविश सिन्हा, अमित अग्रवाल, टिंकू तिवारी, प्रमोद चौबे ,रामचंद्र यादव, सिद्धेश्वर प्रसाद लाल ,वीरेंद्र लाल ,रघुवीर दा, कन्हैया राम ,सियाराम पांडेय, कुलदीप दा, सुधीर प्रसाद, सहित बड़ी संख्या में गुरु भाई बहन उपस्थित थे.