गोमिया। वैश्विक महामारी कोरोना काल में जहां चारो ओर से मन विचलित करने वाली ख़बरें आ रही है वहीं इसी बीच गोमिया के एक दिव्यांग युवक और हजारीबाग़ की युवती हुई दहेज रहित विवाह की खबर सुकून भरने का काम किया है। ऐसा कहा जाता है कि किसी के लिए भी एक दिव्यांग को जीवन साथी के रूप में चुनना संघर्षों से भरा निर्णय होता है लेकिन हजारीबाग़ की यवती ने इसे झुठलाते हुए खुशी-खुशी दिव्यांग युवक संग जिंदगी बिताने का निर्णय लिया और सबल नारी शक्ति का एक मिशाल पेश किया है।
घटना गोमिया के तिसरी गाँव और हजारीबाग़ के ईचाक क्षेत्र से जुड़ा है बता दें कि तिसरी गाँव निवासी के कौलेश्वर यादव के दोनों पैरों से दिव्यांग पुत्र अनिल कुमार यादव व हजारीबाग इचाक क्षेत्र के सम्पन्न नगर निवासी गणेश यादव कि पुत्री गीता कुमारी का दहेज रहित विवाह विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के बनासो मंदिर में संपन्न हुआ। गीता ने अनिल की दिव्यांगता को दरकिनार कर उसकी पढ़ाई और रोजगार ऑटो चालक तरजीब तो वहीँ अनिल के परिजनों ने भी अपने दिव्यांग बेटे के लिए कक्षा नवम तक पढ़ी युवती से बिना दान अथवा दहेज के ही शादी करने का फैसला किया।
सुचनोपरांत दहेज मुक्त झारखंड सेवा संघ स्वयंसेवी संस्था के पदाधिकारियों ने गांव पहुंचकर वर-वधू को सम्मानित किया। गोमिया के नव विवाहित अनिल ने दहेज रहित शादी के लिए युवाओं के आगे आने की बात कही तो वहीं गीता ने दिव्यांगता से परे रहकर युवकों में हुनर को प्राथमिकता देने कि बात कही।