गोमिया। गोमिया प्रखंड के लोधी पंचायत अंतर्गत बनचतरा गांव के आदिवासी बहुल टोला भौराटांड़ में बुधवार की दोपहर एक कुआं धंसकर जमींदोज होने से गांव में हड़कंप मच गया। जिस वक्त कुएं की मिट्टी धंसी तब कुएं में ग्रामीण सफाई का काम कर रहे थे। गांव में कुएं के धंसने और उसमें ग्रामीणों के दबने के उपरांत तत्काल अन्य ग्रामीण राहत बचाव में जुटे जिससे लोगों की जान बच सकी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भौराटांड़ टोला में ग्रामीणों के लिए गांव में पीने के पानी के लिए एक मात्र पुराना कुआं (दाड़ी) हैं जिसमें हालियान के दिनों में क्षेत्र में आए चक्रवात ताऊ-ते की आंधी बारिश में सड़कों व खेतों के गंदा पानी दाड़ी में चला गया था। जिसकी सफाई करने गांव के एक ग्रामीण शिबू सोरेन (30) कर रहा था। बताया कि शिबू सफाई का कार्य कर रहे थे और अन्य ग्रामीण ऊपर खड़े रहकर सफाई कार्य को देख रहे थे। शिबू कुएं में उतर कर सफाई का कार्य कर ही रहे थे की तभी थोड़ी देर बाद नीचे से अचानक कुएं की मिट्टी भरभराकर भसकने लगी और कुछ ही देरी में कुआं जमींदोज हो गया। ऊपर से सफाई कार्य देख रहे ग्रामीण महिलाएं, पुरुष व बच्चे लगभग 10 लोग क्रमशः रुपुमुनि सोरेन, सविता सोरेन, प्रमिला सोरेन, सोहामुनी देवी, मंझली देवी, अमृत मरांडी, शिबू सोरेन, उपेल मराण्डी कुएं में गिर गए। जिसमें अमृत मरांडी (34), शिबू सोरेन (30) व उपेल मरांडी (6) गंभीर रूप से चोटें आई हैं। घायल अमृत मरांडी ने बताया कि कुएं के धंसने की खबर से गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीण तुरंत भागकर अपने-अपने स्तर से मिट्टी को हटाने के प्रयास शुरु किए। कुछ ही देर में ग्रामीणों के प्रयास से कुएं में गिरे सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया। लेकिन हादसे में एक बच्चे, मुझे सहित सफाई में लगे एक ग्रामीण शिबू को चोटें आई है। गनीमत रही की इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। लेकिन गांव के ग्रामीणों के पानी की प्यास बुझाने के लिए संघर्ष अब और बढ़ गया है।
सामुदायिक ख़र्च से हो रहा घायलों का इलाज
घायल अमृत ने बताया कि कुएं के धंसने की घटना में घायल ग्रामीणों का इलाज गांव के लोग ही चंदा के जरिए पैसे इकट्ठा कर गोमिया से निजी चिकित्सक को बुलाकर अपना इलाज करा रहे हैं। बताया कि प्रति घर 150 रुपए इकट्ठा किया गया है।
इधर ग्रामीणों ने प्रशासन से पेयजलापूर्ति के लिए कोई दूसरा विकल्प देने के लिए पहल करने की मांग की है।