जजर्र भवन के साथ चिकित्सकों का अभाव।
अति नक्सल प्रभावित गया जिले के डुमरिया प्रखंड में स्वाथ्य सेवाओं का बुरा हाल है।जर्जर भवन में चलता है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र।रेफरल अस्पताल के भवन पर पुलिस का बारह वर्षों से कब्ज है।केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान का कैम्प में अस्पताल परिणत हो गया है।डुमरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रेफरल अस्पताल दोनो एक साथ चलता है।बेड का अभाव ,चिकित्सक ,कंप्यूटर ऑपरेटर, डेरसर, फर्मासिस्ट का पद वर्षो से रिक्त है।एक एम बीबीएस डॉक्टर अफजर अमानुल्लाह का डुमरिया से प्रभावित अस्पताल गया प्रतिनियुक्त कर दिया गया है।एक चिकित्सा प्रभारी एमबीबीएस डॉ धर्मबीर कुमार पद स्थापित है।सवा लाख की आबादी पर एक चिकित्सक कार्य कर रहे है।डॉ मधु श्याम रजबलिया प्रथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत है वही डॉ हर्ष देव् गुप्ता मैगरा उपस्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत है ।रोगियो की अधिक भीड़ होने के कारण दोनों चिकिस्को को डुमरिया अस्पताल में ड्यूटी लगाई गई है। महिला चिकित्सक का पद खाली रहने के कारण स्त्री जनित रोगों का इलाज पुरुष चिकित्सक करते है।जीवनरक्षक दवाओं की कोई कमी अस्पताल में नहीं है किंतू भवनों के अभाव में समस्या जटिल हो गई हैं।बरसात के दिनों में जर्जर भवन में पानी टपकता है।जर्जर भवन की छत कभी भी रोगियों पर गिर सकता है जिससे कभी भी दुर्घटना घट सकती है।एनएम,चिकित्सक और कर्मचारियों को रहने के लिए एक भी भवन उपयोगी नहीं है।बिजली की ब्यवस्था के साथ जेनरेटर भी अस्पताल में है।एक्सरे एजेंसी के माध्यम से चलाया जाता है।बन्ध्याकरण से लेकर बच्चों के जन्म के लिए प्रसव गृह कार्य कर रहा है।
प्रतेयक दिन ओपीडी में 180 से 200 रोगियों का इलाज होता है।चिकित्सा प्रभारी डॉ धर्मबीर कुमार ने बताया कि ईमरजेंसी सेवा के लिए खुले में ।प्रतेयक दिन ओपीडी में 180 से 200 रोगियों का इलाज होता है।चिकित्सा प्रभारी डॉ धर्मबीर कुमार ने बताया कि ईमरजेंसी सेवा के लिए खुले में इलाज किया जा रहा है।सिर्फ अल्बेस्टर से एक खुला बरामदा में इमरजेंसी रोगियों को इलाज किया जा रहा है।एक एम्बुलेंस भी खराब स्थिति में काम कर रहा है।एम्बुलेंस चालक सुधीर कुमार ने बताया कि जर्जर हालत में एम्बुलेंस चल रहा है किन्तु वारीइंग खराब होने के कारण एम्बुलेंस में कभी भी आग लग सकता हैं।एम्बुलेंस खराब की सूचना जिला को दी जा चुकी है।भवन के लिए प्रभारी ने बताया कि जिलाधिकारी से लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग को लिखित सूचना दी गई हैं किन्तु आज तक भवन निर्माण नहीं कराया गया है।रोटा वाई रस का कैम्प की सुरुआत हो गयी है।प्रभारी ने बताया कि सरकार रहने की ब्यवथा कर देती तो लोगों को और बेहतर इलाज हो पाता।चिकिस्को कि समस्या से अस्पताल जूझ रहा है।ग्रमीणो के इलाज के लिए बेड की आवश्यकता है।यहाँ के चिकित्सकों को जर्जर भवन में रहकर समय बिताना पड़ रहा है।
: रेफरल और प्रथमिकि केंद्र दोनो मिलाकर बारह चिकित्सको का पद रिक्त है।जिसमें मात्र एक ही चिकित्सक कार्यरत है।पीने के पानी के लिए एक चापाकल है।एक पुराना शौचालय भी खराब है।नव निर्मित शौचालय और स्नान घर में इनदिनों लेखा पाल और स्वास्थ्य प्रबंधक का कार्यालय चलता है।