गोमिया। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम झारखंड के तहत पुरानी पेंशन बहाली को लेकर गिरिडीह जिला इकाई ने शनिवार को गोमिया प्रखंड सह अंचल कार्यालय में एकत्रित होकर पाना है "पेंशन का अधिकार जाना है मुख्यमंत्री के द्वार" एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान NPS के तहत सरकारी कर्मियों (यथा शिक्षकों, प्रखंड एवं अंचल कर्मियों) प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्र लिखकर राज्य सरकार के नाम पुरानी पेंशन लागू करने की मांग किया गया। संगठन के प्रखंड संयोजक शहनवाज अंसारी ने संबोधित करते हुए कहा कि 1 दिसंबर 2004 के उपरांत सरकारी सेवा में योगदान करने वाले कर्मचारियों के लिए पूर्व से चली आ रही सुनिश्चित पेंशन योजना को समाप्त कर शेयर बाजार पर आधारित एक नई पेंशन योजना लागू की गई है जिसमें न्यूनतम पेंशन की कोई गारंटी नहीं होने सहित कई खामियां हैं। सरकारी कर्मचारी व अधिकारी सेवानिवृत्ति के उपरांत अपने भविष्य को लेकर सशंकित हैं। कहा कि नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों के वेतन का 10प्रतिशत राशि एनपीएस में जमा करना पड़ता है जिस पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है। पुरानी पेंशन लागू कर राज्य के लगभग 1 लाख 20 हजार कर्मचारियों के वेतन के 10 प्रतिशत की राशि जो कि वर्ष में लगभग 800 करोड रुपए है उसे बचाया जा सकता है। जिसकी देनदारी कर्मियों के सेवानिवृत्ति के उपरांत लगभग 20 से 25 वर्ष के बाद होगी। कहा कि पुरानी पेंशन बहाली हेतु राज्य के सभी विभागों के कर्मचारी पिछले कई वर्ष से आंदोलनरत हैं।
गोमिया प्रखंड कार्यालय में अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम गोमिया बीडीओ को सौंपा गया और जल्द ही मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई।
मौके पर शिक्षक रंजन पॉल, अंचल कर्मी शाहबाज़ अशरफ, चंद्रप्रभा देवी, नगीना खातून, प्रखंड कर्मी करमचंद हांसदा, पवन कुमार, प्रेमसागर सिन्हा आदि उपस्थित थे।