गोमिया। जुग जियाड़ जाहेरगाढ़ कुमुट पैसरा की ओर से कर्री खुर्द पंचायत स्थित पैसरा गांव में शनिवार को हर्षोल्लास के साथ प्रकृति पर्व सरहुल मनाया गया। पाहन (नायके) झरीलाल मांझी व संझला मांझी ने जाहेरस्थान पर ईष्ट देवता की पूजा-अर्चना कर क्षेत्र की सुख, शांति, समृद्धि, हरियाली सहित अच्छी फसल के लिए मंगलकामना की। इसके बाद सरना, संताली समाज की पुरुष, महिलाएं व युवतियां परंपरागत गीत व वेशभूषा में सरहुल महोत्सव में शामिल हुए। समिति के अध्यक्ष मोहन सोरन ने बताया कि यह परंपरा पूर्वजों के जमाने से चली आ रही है। इस परंपरा को उत्सव रूप में मनाकर नई पीढी के लोगों को सरहुल व पर्यावरण का महत्व बताना है। समुदाय के लोगों का प्रकृति से प्रेम व अटूट रिश्ता होने के कारण ही पर्यावरण व संस्कृति को अब तक सहेज कर रखा गया है। हम सभी को वातावरण की शुद्धता के लिए पेड़-पौधे लगाना होगा। हमारा जीवन प्रकृति से जुड़ा हुआ है। यह पर्व हमें प्रकृति व संस्कृति से जोड़े रखती है। कहा, यह पर्व इस बात की याद दिलाता है कि धरती और सूर्य के संबंध से ही प्रकृति में हरियाली आती है।
मौके पर आमंत्रित अतिथि सेंगल अभियान के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू, बोकारो जिला अध्यक्ष ललिता सोरेन, सरना धोरोम मड़वा झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार मुर्मू, विराम कुमार मांझी (टिकाहारा), पूर्व पंसस पौलुस टुडू, वार्ड सदस्य सबिता सोरेन, जुग जियाड़ जाहेरगाढ़ कुमुट पैसरा के सचिव संजय सोरेन, उप सचिव लालचंद सोरेन, कोषाध्यक्ष करमचंद हांसदा, पूरन मांझी, अनिल सोरेन, बिनोद हांसदा, कटी मांझी, बाबूचंद हांसदा, सुरेंद्र हांसदा, करमचंद मांझी, अशोक हेम्ब्रम, संझलु मुर्मू, विजय हांसदा, मनीराम मांझी, सन्नू मांझी, चुन्नू राम मांझी समेत कई लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन समिति के संरक्षक राजेश हांसदा ने किया।