गोमिया (बेरमो)। गोमिया प्रखंड के कर्री पंचायत अंतर्गत आदिवासी बहुल टोला भेलवापानी बड़कीटांड़ में शुक्रवार को सोना संथाल सरना समिति द्वारा सरहुल (बाहा) पर्व मनाया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि गोमिया के पूर्व विधायक बबिता देवी के विशिष्ट अतिथि करीखुर्द पंचायत के मुखिया सह समिति के संस्थापक सोनाराम मुर्मू व चतरोचट्टी थाना प्रभारी नीरज कुमार थे। अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष जागो सोरन ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व विधायक बबिता देवी ने कहा कि सरहुल प्रकृति का पर्व है और आदिवासी समाज सदैव से ही प्रकृति से जुड़े जल, जंगल, जमीन, पहाड़ों को सहेजने का कार्य कर रहे हैं। सरहुल पर्व मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति को जीवन उपवन मानकर उसका पूजा करना है। कहा कि जंगल रखना और जंगल में रहना आदिवासी समाज का धर्म है और यही कारण है कि ये प्रकृति के उपासक कहे जाते हैं।
वहीं विशिष्ट अतिथि मुखिया सोनाराम मुर्मू ने कहा कि आदिवासी समाज प्राकृतिक के उपासक है और जंगल, पेड़ और पहाड़ हमारे देवता हैं समाज के द्वारा इनकी पूजा की जाती है और यदि प्रकृति का संतुलन बनाये रखना है तो हम सभी को इसकी रक्षा करनी चाहिए।
इस दौरान प्रखंड समाजसेवी रामचन्द्र महतो, बाबूचंद टुडू, धानो टुडू, ढेना मांझी, सोनाराम टुडू, साहेब राम टुडू, लालचंद टुडू, संतोष मुर्मू, रमेश टुडू, महादेव टुडू, पूरन सोरेन, बसंत टुडू कर्मेला मरांडी, लिलावती देवी, श्रीमति देवी एवं ग्रामीणों ने मांदर की थाप पर नृत्य किया।