बिरहोरडेरा से टूटीझरना जाने वाले पथ में बोकारो नदी पर नहीं बना पुल, सांसद सीपी चौधरी व विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने 29 जनवरी को किया था उच्चस्तरीय पुल की भूमि पूजन, 10 माह बार भी नहीं शुरू हुआ निर्माण कार्य, फलतः परिजन तीन किलोमीटर खाट पर रखकर ले गए युवक का शव, सडक व पुल नहीं रहने के कारण घर तक नहीं पहुंच सका एंबुलेंस
गोमिया। बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड से एक बार फिर सिस्टम को शर्मशार करने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां पर एक आदिवासी युवक का शव उनके परिजन खाट पर ले जाते दिखे हैं। युवक की सडक दुर्घटना के बाद रांची रिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई थी जिसे पोस्टमार्टम के बाद घर ले जाना था लेकिन एंबुलेंस घर तक नही पहुंची। इसलिए परिजन खाट पर उसे लेकर जा रहे थे। बताया जा रहा है की गांव का रास्ता खराब होने व नदी पर पुल नही रहने के कारण एंबुलेंस वहां तक नही पहुंच पाई थी। इसलिए परिजन उसे एंबुलेंस से घर तक खाट में लेकर आ रहे थे।
दरअसल बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत के सिंयारी के आदिवासी बहुल टोला बिरहोरडेरा गांव के 26 वर्षीय बिरालाल मांझी का बीती रविवार की रात बरकाकाना में सडक दुर्घटना हो गया था जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। चचेरे भाई भादे मांझी व भतीजा रामचंद्र मुर्मू ने बताया कि बरकाकाना थाना की पुलिस ने उसी रात उन्हें मोबाइल पर बिरालाल मांझी की सडक दुर्घटना होने की जानकारी दी। वह गाँव के ही बिहारी मांझी नामक युवक के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर बरकाकाना गया था जहां सडक दुर्घटना में दोनों घायल हो गये थे। बताया की गंभीर रूप से घायल बिरालाल को प्राथमिक इलाज के बाद रांची के रिम्स रेफर कर दिया था जहाँ मंगलवार अहले सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बताया कि बिरालाल की मौत हो जाने के बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव लेकर एम्बुलेंस अपने घर बिरहोरडेरा लौट रहे थे लेकिन एम्बुलेंस टूटीझरना गाँव तक पहुंची जिसके बाद परिजन शव को खाट में लेकर पैदल ही पहले 150 मीटर बोकारो नदी को पार किया फिर करीब तीन किलोमीटर तक शव को खाट में ढोते व ढकेलते हुए पैत्रिक निवास बिरहोरडेरा गांव पहुंचे।
बताया कि गांव में पक्की सड़क और टूटीझरना से बिरहोरडेरा गांव तक पुल नही होने के चलते घर तक एंबुलेंस नही पहुंच पाई। जिसके बाद परिजन टूटीझरना गांव से खाट में शव रखकर पैदल चल दिए थे। परिजनों का खाट में शव को ले जाने का तस्वीर और वीडियो भी सामने आया है जिसने प्रखंड के विकास की पोल खोल कर रख दी है।
सिंयारी पंचायत के मुखिया रामवृक्ष मुर्मू ने बताया कि बिरहोरडेरा गांव की सड़क भी काफी खराब है जिससे पैदल तो पैदल वाहनों को भी आने जाने में काफी परेशानी होती है। बड़ी मुश्किल से दो पहिया वाहनों का आवागमन हो पाता है। बताया उक्त सडक को राज्ययोजनान्तर्गत विकास कार्य की सूची में शामिल करने के लिए गोमिया बीडीओ को आवेदन दिया है। बताया कि थक हार कर परिजनों ने टूटीझरना से खटिया पर शव रखा और नदी पार करते हुए बिरहोरडेरा गांव को चल दिए।
बता दें कि टूटीझरना से बिरहोरडेरा गाँव को जोड़ने के लिए बोकारो नदी में उच्च स्तरीय पुल का भूमि पूजन दिनांक 29 जनवरी 2022 को गिरिडीह सांसद सीपी चौधरी व गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो द्वारा संयुक्त रूप से किया गया परंतु अब तक निर्माण कार्य को चालू नहीं किया जा सका। लोगों ने बताया कि अगर पुल का निर्माण कार्य हो गया होता तो बिरालाल का शव एम्बुलेंस द्वारा उसके आवास तक पहुँचती और ग्रामीणों को इतनी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
बहरहाल घटना के बाद मृतक के छोटे भाई अघनू मरांडी भाई के शोक में सदमे में बेसुध पड़ा है वहीं मां फुलमुनी देवी, पत्नी लिलमुनी देवी, चचेरे भाई रामजी मांझी, मुनेश मांझी, किसुन मांझी सहित अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अंततः शव का गांव में ही मिट्टी रश्म की अदायगी की गई। प्रखंड के पूर्व प्रमुख गुलाब चंद्र हांसदा व सिंयारी पंचायत के उप मुखिया बाबूचंद मांझी ने बिरालाल की असामयिक मौत और बिरहोरडेरा गांव में ग्रामीणों की नियती पर गहरा दुःख जताया है।