लुगु पहाड़ में प्रस्तावित 1500 मेगावाट के हाइडल पॉवर प्लांट के विरोध को लेकर लुगु बुरु धार्मिक धरोहर संयुक्त समिति ने किया बैठक, कहा- मामले में कहीं भी नक्सलियों की मौजूदगी नहीं, आदिवासी समाज कर रहा है पॉवर प्लांट का विरोध
गोमिया। गोमिया प्रखंड के ललपनिया स्थित लुगु बुरु घंटाबाड़ी मेडिटेशन हॉल में रविवार को लुगु पहाड़ में प्रस्तावित 1500 मेगावाट के हाइडल पॉवर प्लांट के विरोध को लेकर लुगु बुरु धार्मिक धरोहर संयुक्त समिति की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता लुगु बुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ के अध्यक्ष बाबुली सोरेन ने किया।
अध्यक्षता कर रहे घंटाबाड़ी के अध्यक्ष बाबुली सोरेन ने कहा कि बैठक में केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट हाइडल प्लांट निर्माण कार्य को योजनाबद्ध तरीके से रोकने को लेकर चर्चा व विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के उपासक हैं जल जंगल व जमीन की रक्षा करना हैं उनका धर्म है। बताया कि सरकार द्वारा प्रस्तावित डीवीसी के इस प्रोजेक्ट की किसी भी शर्त पर यहां लगने नहीं दिया जाएगा। आदिवासियों की भाषा और संस्कृति लुगू पहाड़ व लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ से जुड़ी है इसलिए वे इस धार्मिक स्थल को किसी भी सूरत में नष्ट नहीं करने दिया जाएगा। इस धरोहर को सहेजने के लिए यहां ही नही बल्कि झारखंड, बिहार, बंगाल व विश्व के आदिवासी इसके विरोध में एकजुट हैं और संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। केन्द्र सरकार एक साजिश के तहत पावर प्लांट स्थापित कर उनकी एकजुटता व अखंडता को तोड़ना चाहती है, आदिवासी समाज सरकार के इस मंसूबे को कभी पूरा नहीं होने देगी। कहा कि सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि लुगु पहाड़ विश्व आदिवासियों का प्रसिद्ध धार्मिक धरोहर है और यही आदिवासियों की सबसे बड़ी पहचान है। इसलिए सरकार के प्रस्तावित हाइडल पॉवर प्लांट का विरोध करना अति आवश्यक है और इसमें किसी भी तरह से नक्सलियों से संबंधित कोई मामला नहीं है पूरा आदिवासी समाज इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहा है।
बैठक को लुगु बुरु धार्मिक धरोहर संयुक्त समिति के सचिव लोबिन मुर्मू, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष लुगू मांझी, उप सचिव मिथिलेश किस्कु, सोहराय हांसदा, गणेश हांसदा, दिनेश कुमार मुर्मू, अनिल हांसदा, दहा मांझी, शांति देवी, आलोक हेम्ब्रोम, बाबुलाल हेम्ब्रम, हीरालाल टुडू और सोनाराम टुडू सहित अन्य कई लोगों ने संबोधित किया।
आदिवासियों के कई संगठनों ने लिया हिस्सा
बाबुली सोरेन ने बताया कि बैठक में आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों यथा लुगु बुरु घांटाबाड़ी धोरोम गाढ़, लुगु बुरु पुनाय थान, जमीनिया धोरोम गाड़ डाका साड़म, शास्त्री लेड सरना धोरोम गाड़ लालगढ़, आदिवासी मुलवासी अधिकार मंच की बोकारो जिला इकाई, दुर्गा सोरेन सेना, आरबीपी संथाल सुसारिया समिति बरैया, ग्राम सभा समिति के सैकड़ों लोग संयुक्त रूप से शामिल हुए। बताया कि संयुक्त समिति में सभी 12 संगठनों के लोगो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
बैठक में मुख्य रूप से घांटा बाड़ी अध्यक्ष बबुली सोरेन के अलावे पुनाय थान अध्यक्ष सुरेंद्र टुडू, दिनेश कुमार मुर्मू, अनिल हांसदा आदिवासी मूलवासी अधिकार मंच के प्रखंड अध्यक्ष लुदू मांझी, एतो किस्कू, प्रेम टुडू, सुनील टुडू, सोनाराम टुडू, सुखराम हांसदा, गणेश हांसदा, सूरज, राजेश मुर्मू, लालजी मांझी, सुनील, शंकर, ओमप्रकाश महतो सहित पिंडरा, कोयोटांड़, कासीटांड़, टूटीझरना, लालगढ़, तुलबुल ललपनिया, मुरपा, आईयर, कासीडीह, मड़वाडीह जैसे कई गाँव के दर्जनों लोग शामिल हूए।