गोमिया। गोमिया प्रखंड के ललपनिया स्थित लुगु बुरु घंटाबाड़ी मेडिटेशन हॉल में रविवार को लुगु पहाड़ में प्रस्तावित 2800 मेगावाट के हाइडल पॉवर प्लांट के विरोध को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता पिंडरा गांव के ग्राम प्रधान हीरालाल सोरेन ने किया।
बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित घंटाबाड़ी के अध्यक्ष बाबुली सोरेन ने कहा कि बैठक में हाइडल प्लांट निर्माण को लेकर चर्चा व विचार विमर्श किया गया। तत्पश्चात सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि लुगु पहाड़ विश्व आदिवासियों का प्रसिद्ध धार्मिक धरोहर है और यही आदिवासियों की सबसे बड़ी पहचान है। इसलिए सरकार के प्रस्तावित हाइडल पॉवर प्लांट का विरोध करना अति आवश्यक है।
आदिवासियों के कई संगठनों ने लिया हिस्सा
बाबुली सोरेन ने बताया कि बैठक में आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों यथा लुगु बुरु घांटाबाड़ी धोरोम गाढ़, लुगु बुरु पुनाय थान, जमीनिया धोरोम गाड़ डाका साड़म, शास्त्री लेड सरना धोरोम गाड़ लालगढ़, आदिवासी मुलवासी अधिकार मंच की बोकारो जिला इकाई, दुर्गा सोरेन सेना, आरबीपी संथाल सुसारिया समिति बरैया, ग्राम सभा समिति के दर्जनों लोग संयुक्त रूप से शामिल हुए। बताया कि संयुक्त समिति में सभी संगठनों के लोगो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया और संयुक्त समिति से एक नई समिति का गठन करने को लेकर निर्णय लिया गया।
विरोध के लिए नई समिति का हुआ गठन
बताया कि बैठक में उपस्थित संयुक्त समितियों के लोगो ने एक स्वर में हाइडल पॉवर प्लांट विरोध किया और सर्वसमिति से आदिवासियों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल को बचाने और सहेजने को लेकर एक नई समिति "लुगु बुरु धार्मिक धरोहर संयुक्त समिति" का गठन को लेकर आवाज बुलंद किया। बताया कि नई समिति "लुगु बुरु धार्मिक धरोहर संयुक्त समिति" में विभिन्न संगठनों व समितियों से 5 सदस्य को नई समिति में शामिल किया गया। वही 2-2 सदस्य को लेकर कोर समिति का भी गठन किया गया।
अगली बैठक 17 जुलाई को
उन्होंने आगे बताया कि नई समिति के कार्य निर्वाह व दायित्वों की प्रतिपूर्ति के लिए अगली बैठक अगले रविवार 17 जुलाई को प्रस्तावित की गई है जिसमें योजनाबद्ध तरीके से हाइडल प्लांट निर्माण के विरुद्ध रूपरेखा तय की जाएगी।
बैठक में मुख्य रूप से घांटा बाड़ी अध्यक्ष बबुली सोरेन के अलावे पुनाय थान अध्यक्ष सुरेंद्र टुडू, दिनेश कुमार मुर्मू, अनिल हांसदा आदिवासी मूलवासी अधिकार मंच के प्रखंड अध्यक्ष लुदू मांझी, एतो किस्कू, हीरालाल टुडू, प्रेम टुडू, सुनील टुडू, सोनाराम टुडू, सुखराम हांसदा, गणेश हांसदा, सूरज, राजेश मुर्मू, लालजी मांझी, सुनील, शंकर, ओमप्रकाश महतो सहित पिंडरा, कोयोटांड़, कासीटांड़, टूटीझरना, लालगढ़, तुलबुल ललपनिया, मुरपा, आईयर, कासीडीह, मड़वाडीह जैसे कई गाँव के दर्जनों लोग शामिल हूए।