गोमिया। सेरवा सॉवता सरना समिति गोमिया के तरफ से गोमिया प्रखंड के आईईएल फुटबॉल मैदान में स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीद सिद्धो कान्हु हुल क्रान्ति दिवस मनाया गया।
स्वतंत्रता संग्राम वीर शहीद सिद्धो कान्हू हूल क्रांति दिवस समिति के प्रखंड अध्यक्ष अमृत मरांडी की अध्यक्षता में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप मे गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद, विशिष्ट अतिथि के रूप में जिप सदस्य डॉ. सुरेंद्र राज, प्रमुख प्रमिला चौड़े उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि योगेंद्र प्रसाद ने हुल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वीर सिद्धो कान्हू के नेतृत्व में 30 जून 1855 ई. को स्वतंत्रता संग्राम आजादी के पहली लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ हूल क्रांति दिवस से संताल विद्रोह की शुरुआत की।
संताल हूल का नेतृत्व भोगनाडी जिला साहेबगंज झारखंड चुनु मुर्मू के चार पुत्रों सिद्धो, कान्हू, चांद, भैरोव चारो भाइयों आदिवासियों के ऊपर हो रहे अत्याचार शोषण अन्याय के खिलाफ अंग्रेजों के विरूद्ध विद्रोह करने का संकल्प लिया। जन समूह को एकीकृत करने के लिये परंपरागत ढंग से डुगडूगी बजाकर एवं साल टहनी क्रांति संदेश का प्रतीक भेजकर 30 जून 1855 को भोगनाडी में विशाल जन सभा रैली की गई। इसमें लगभग 20 हजार संतालों ने अपने पारंपरिक तीर धनुष हथियार के साथ पहुंचे थे। सिद्धो, कान्हू ने 30 जून को 20 हजार संथालों ने ब्रिटिश सत्ता साहूकारों व्यपारियों जमींदारों एवं महाजन द्वारा अवैध लगान कर वसूली के खिलाफ संथालों ने विद्रोह का नारा दिया करो या मरो, अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो। अंग्रेज भारत छोड़ो नारा के साथ ही नीले गोरो को मार भागने का संकल्प लिया।
सभा को जिप सदस्य डॉ सुरेंद्र राज, ससबेड़ा पूर्वी मुखिया अंशु कुमारी, ससबेड़ा पश्चिमी मुखिया शांति देवी समिति के सचिव दिनेश मरांडी, कोषाध्यक्ष कृष्णा हांसदा, रमेश मरांडी, प्रमोद मुर्मू, मोतीलाल बेसरा, सोनाराम बेसरा ने भी संबोधित किया।
मौके पर में आदिवासी मूलवासी अधिकार मंच के अध्यक्ष दिनेश मुर्मू, शिवचंद मुर्मू, महादेव मरांडी, दुर्गा पौरिया, बलदेव बेसरा, राजेश हांसदा, गौरीलाल मुर्मू, राजेंद्र बेसरा, गंदौरी राम, दीपक ठाकुर, राजकुमारी देवी एवं कई गांव व पंचायत से पहुंचे सैकड़ों महिलाएं व बच्चे भी मौजूद थे।