गोमिया। झारखंड सरकार द्वारा जिलावार नियुक्तियों में भोजपुरी एवं मगही भाषा को शामिल करने के विरोध में सोमवार को आदिवासी छात्र संघ बोकारो के बैनर तले दर्जनों समर्थकों द्वारा गोमिया बैंक मोड़ में सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया। जिसकी अगुवाई संघ के जिला अध्यक्ष प्रमोद मुर्मू ने किया। पुतला दहन के दौरान संघ के समर्थक सरकार विरोधी हेमंत सोरेन सरकार होश में आओ, भाषा संस्कृति के साथ खिलवाड़ करना बंद करो, 1932 का खतियान अविलंब लागू करो तथा भोजपुरी मगही को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा वापस लो जैसे नारे लिखे तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष प्रमोद ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड भाषा और संस्कृति के आधार पर संघर्ष के बदौलत बिहार से अलग हुआ है। झारखंड राज्य बने 21 वर्ष हो गए लेकिन आज तक न झारखंडवासियों का और ना ही स्थानीय भाषा का विकास हो पाया है। उन्होंने कहा कि मिथिला बिहार में है ये बिहार की भाषा है, उसी प्रकार भोजपुरी भोजपुर की भाषा है और भोजपुर बिहार में है। मैथिली और भोजपुरी बिहार की भाषा है। ऐसे में झारखंड सरकार यहां के लोगों ध्यान में रखकर नियमावली बनाए। हेमंत सरकार मनमानी ढंग से झारखंड के मूलवासी और आदिवासी हितों की उपेक्षा कर रही हैं और यहीं के मूलवासी विधायक मूक दर्शक बन कर चुप्पी साधे हुए हैं। सरकार अविलंब इस निर्णय को वापस ले अन्यथा सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगें। मौके पर राजेश हांसदा, अनिल हेम्ब्रम, सोहन हांसदा, राजेश मरांडी, सावना किस्कु, मोतीलाल मराण्डी, जीवन मराण्डी, शिवचंद मुर्मू, अमर मुर्मू , माधो बेसरा, गुलाब कुमार , संतोष पंवरिया, सुनील मांझी, महादेव मांझी, दिनेश मांझी अन्य मौजूद थे।